प्रसाद चढ़ाते समय पर्दा क्यों किया जाता है?

आप जानते ही हैं कि जब भी भगवान की मूर्ति को प्रसाद चढ़ाया जाता है तो प्रसाद चढ़ाने के बाद पर्दा किया जाता है, ताकि वे प्रसाद ग्रहण कर लें। यदि मंदिर में पर्दे की व्यवस्था नहीं है तो प्रसाद की थाली पर ही कपड़ा ढ़क दिया जाता है। बिना पर्दे के भी तो प्रसाद … Read more

परिजन के बाहर जाते ही दरवाजा बंद न कीजिए

आज एक ऐसी दिलचस्प परंपरा आपसे साझा कर रहा हूं, जिसका पालन अनेक लोग किया करते हैं। परंपरा यह है कि जब भी परिवार का कोई सदस्य घर से बाहर जाता है, तो उसके जाने के तुरंत बाद दरवाजा बंद नहीं किया जाता। कुछ देर तक खुला ही रखा जाता है। यहां तक कि जब … Read more

रोंगटे क्यों खड़े होते हैं?

आपने कई बार महसूस किया होगा कि अचानक भय, उत्साह, खुशी या भावुकता की तीव्र अवस्था में आपके हाथ-पैरों के बाल खड़े हो जाते हैं। इसे रोंगटे खड़ा होना कहते हैं। अचानक ठंड लगने पर भी हाथ व पैर के बाल खड़े हो जाते हैं। हमारी तरह जानवरों के बाल भी खड़े होते हैं, जो … Read more

गांधीजी को शराबी साधक पर ऐतराज नहीं था

किसी भी सिक्के के दो पहलु होते हैं। इसी प्रकार हर मसले के दो दृष्टिकोण होते हैं। सकारात्मक व नकारात्मक। यह हम पर निर्भर करता है कि हम किसे चुनते हैं। जितने भी संत हैं, जितने मोटिवेशनल स्पीकर्स हैं, वे जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अर्थात पॉजिटिव एटिट्यूड अपनाने की सलाह देते हैं। इस सिलसिले में … Read more

एक दिन एआई आत्मा तक भी पहुंच जाएगी?

इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि एआई का बोलबाला है। उसकी पहुंच किस हद तक जा सकती है, उसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती। वह अचंभित कर रही है। इसी सिलसिले में वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले जानकारों का कयास है कि एक दिन एआई आत्मा तक पहुंच जाएगी। बेशक, आत्मा को क्रियेट तो नहीं किया … Read more

क्या भगवान के नाम पर नाम रखना गुनाह है?

आजकल बच्चों के नाम अलग तरह से रखे जाने लगे हैं। कोई संस्कृत भाषा का नाम तलाशता है तो कोई अंग्रेजीदां। कोई महाभारत कालीन या रामायण कालीन पात्रों के नाम रखता है तो कोई अत्याधुनिक अंग्रेजी नाम रखता है। जैसे भीष्म, कुन्ती, कर्ण सिंह, युधिष्ठिर, भीम सिंह, नकुल, कौस्तुभ या अर्जुन और दशरथ सिंह, सीताराम, … Read more

जिस अंग का दान करेंगे, उसका अगले जन्म में अभाव होगा?

जैसे धन दान व रक्त दान की महिमा है, ठीक वैसे ही अंग दान की उससे भी ज्यादा महत्ता है। इन दिनों अनेक संस्थाएं सक्रिय हैं जो अंग दान के लिए शपथ पत्र भरवा रही हैं। इसे बहुत पुनीत कार्य समझा जाता है। हमारे किसी अंग के दान से अगर किसी के जीवन में उजियारा … Read more

गिलास से नहीं, लोटे से पीयें पानी

हाल ही सोशल मीडिया पर एक रोचक पोस्ट देखी, जिसमें गिलास की बजाय लोटे से पानी पीने की सलाह दी गई है। हालांकि उसमें वैज्ञानिक तथ्यों को आधार बनाया गया है, जिनकी प्रमाणिकता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, मगर प्रस्तावना में स्वदेशी की पैरवी और विदेशी का परित्याग करने का भाव अधिक … Read more

अकेले ओम पर ध्यान खतरनाक हो सकता है

ओम् की बड़ी महिमा है। इस शब्द, जो कि मूलतः ध्वनि मात्र है, के बारे में दुनिया भर के विद्वानों ने भिन्न-भिन्न व्याख्याएं की हैं। जहां तक मेरी समझ है, ओम् के बारे में जितना कहा या लिखा गया है, शायद की किसी अन्य शब्द के बारे में कहा गया हो। चाहे इसकी खोज के … Read more

हमारा छाया पुरुष या हमजाद हमसे भी अधिक ताकतवर होता है?

क्या आपको पता है कि हमारी ही फोटोकॉपी, हमारा ही प्रतिरूप, हमारा ही प्रतिबिंब, हमारी ही छाया या उसे क्लोन की भी संज्ञा दे सकते हैं, हमारे साथ हर वक्त मौजूद है? इतना ही नहीं, वह हमसे भी अधिक ताकतवर होता है। हम चूंकि शरीर में कैद हैं, इस कारण हमारी सीमा है, मगर हमारा … Read more

सत्ता के साथ रहिये, खुश रहेंगे

बुद्धिजीवियों में कबीर व उनके पुत्र कमाल का एक प्रसंग खूब चर्चा में रहा है। पहले उस पर बात करते हैं कि वह क्या था और फिर उसके निहितार्थ पर गुफ्तगू करेंगे। एक बार कबीर व उनके पुत्र कमाल एक चक्की के पास बैठे थे। संसार पर बातचीत कर रहे थे। कबीर ने जो कहा, … Read more

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