इस बार आसान नहीं कांग्रेस के लिए किशनगढ़ सीट

election 2013मदनगंज-किशनगढ। विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस के लिए सबसे आसान मानी जा रही किशनगढ़ सीट महंगी साबित होती नजर आने लगी है। मतदाताओं का कहना है कि महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। चुनावी शंखनाद के बाद दोनों ही प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों ने गांवों के दौरे में लग गये। गांवों की चौपाल पर हरमाड़ा में एक चाय की दुकान पर बैठे ग्रामीणों से बात करने पर सामने आया कि कांग्रेस सरकार ने महंगाई पर लगाम नही कसने एवं यहां के विधायक ने पिछले पांच वर्ष में कभी यहा नही आये और कोई सुध तक नही लेने का खमियाजा इस बार उन्हे भुगतना पड़ेगा। उन्होने केवल शहरी धनाढ्य लोगों को बीच रहकर सरकार की योजनाओं का फायदा पहुंचाया है।
दूसरी ओर टिकट को लेकर काफी मथापची के बाद भाजपा से पूर्व विधायक भागीरथ चौधरी को पुन: प्रत्याशी बनाये जाने के बाद शहरी एवं ग्रामिण मतदाताओं में खुशी का माहौल पैदा हो गया। हालांकि भाजपा में उपजी धड़ेबाजी से चौधरी काफी चिंतित रहे। परन्तु समय के साथ पार्टी की अनुशासनता एवं विचारधारा के लोगों ने सभी को एक मंच पर बैठा कर कांग्रेसियों की मंशओं पर पानी फेर सा दिया।
इस बार के चुनाव में अन्य दलों व बत्तौर निर्दलिए प्रत्याशियों का कोई खासा असर देखने को नही मिल पाने से मुख्य मुकाबला कांग्रेस के नाथुराम सिनोदिया व भाजपा के भागीरथ चौधरी के बीच का रह गया है। वैसे बसपा से भाजपा के पूर्व विधायक जगजीतसिंह ने अपने पुत्र हिम्मतसिंह को मैदान में उतारा है तो किशनगढ़ में अपनी पहचान कायम करने की गरज से उतरे प्रहलादसिंह पालड़ी चुनावी मैदान में है। वहीं राजपा से गोपाल माहेश्वरी, राकपा से जजीर खां के अलावा हुकमसिंह हरमाड़ा, सत्यनारायण सैन, बसन्त राठी व रामसिंह चौधरी ने परचा दाखिल करा चुनावी रण में कूदे है। शनिवार को नाम वापसी के बाद यह स्पष्ठ होगा कि चुनावी मैदान में कितने ड़टे रहते है।
-राजकुमार शर्मा

error: Content is protected !!