-विकास छाबड़ा- आजकल जब सवेरे अखबार उठाता हूं तो उसमें से सबसे पहले पेम्पलेट की बरसात जरूर होती है। और अक्सर ये पेम्पलेट होते हैं किशनगढ़ में बरसों बरस से चली आ रही हर क्षेत्र में भेड़चाल में एक नई भेड़चाल की।
हम यहां बात कर रहे हैं किशनगढ़ में इम्पोर्ट हो रही डॉक्टर रूपी दुकानदारी की। क्या मेडिकल स्टोर, क्या क्लीनिक क्या और क्या हॉस्पिटल वाले, लगे हुए हैं डॉक्टर रूपी इस बाढ़ को किशनगढ़ में लाने में। ये करें भी तो करें कया? एक अर्से से से हमारे किशनगढ़ उपखंड के सबसे बड़े अस्पताल यज्ञनारायण अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से जूझते शहरवासियों की पीड़ा को हमारी सरकार ने नहीं सुनी तो इन मेडिकल स्टोर, क्लीनिक और हॉस्पिटल वालों से नहीं रहा गया। इन्होंने अब डॉक्टरों को बुलाने का ठेका ले लिया है। वो भी सुप्रसिद्ध विशेषज्ञ डॉक्टर। ऐसे में शहरवासियों को राहत मिली या नहीं, यह दीगर बात है, किन्तु इन ठेकेदारों और डॉक्टरों की तो चांदी जमकर कुट ही रही है।
समझ में ये नहीं आता कि अगर ये सुप्रसिद्ध डॉक्टर हैं तो उनको किशनगढ़ को नापने की जरूरत कहां आन पड़ी है। अजी साब इनको अपनी पहचान विश्व प्रसिद्ध मार्बल सिटी में जो बनानी है और फिर इनको अपने क्लीनिक एवं अपने हॉस्पिटल के लिए भी तो किशनगढ़ के मरीज चाहिएं। ये तो इसकी तैयारी है मेरे भाई। प्रत्येक रविवार, महिने का दूसरा सोमवार या चौथे मंगलवार व अलग-अलग टाइम टेबल से आने वाले इन डॉक्टरों को बुलाने वालों की दुकान जरूर चल पड़ी है। अरे मेरे भाइयों ऐसे ही बाहर से डॉक्टर आते रहे तो यहां के हॉस्पिटल और डॉक्टर डेंगू के मच्छर मारेंगे क्या? इसलिए कहीं ऐसा न हो कि हमारे यहां के डॉक्टर भी इन इम्पोर्ट होने वाले डॉक्टरों के इलाके में एक्सपोर्ट होने लग जाएं। तो फिर पेम्पलेट का मजमून कुछ ऐसा होगा…अब आपके शहर जयपुर / अजमेर / भीलवाड़ा में किशनगढ़ के सुप्रसिद्ध……. विशेषज्ञ की सेवाएं माह के प्रत्येक सोमवार…. को। खैर, भला हो इन डॉक्टरों को बुलाने वालों का कि कम से कम किशनगढ़ के लोगों को कुछ राहत तो जरूर मिल ही रही है। जय हो भेड़चाल की।