मास्क लगा कर स्कूल जा रहे मासूम, क्या बच जायेगे स्वाइन फ्लू से?

03अजमेर| पुरे प्रदेश में अपने पैर पसर चुके स्वाइन फ्लू का आलम या है की राज्य में अब तक ८६ मोते हो चुकी है और कई पॉजिटिव रोगी अपनी ज़िन्दगी के लिए लड़ रहे है| जिसमे सबसे ज्यादा भयावर स्थिति अजमेर शहर की है| स्वस्थ विभाग द्वारा अजमेर ज़िले में पहले स्कूल में प्राथना सभा पर रोक लगाई गई, अब छात्र छात्राओ को मास्क पहन कर स्कूल जाने के लिए कहा गया है।
नाम न लिखे जाने की शर्त पर एक वरिष्ठ चिकत्सक अधिकारी ने बताया कि मास्क सिर्फ 1 दिन तक के लिए ही उपयुक्त होता है और उससे अच्छा है कि रुमाल या कोई कपडा बाँध लिया जाए। सिर्फ ट्रिपल लेयर और एन 95 मास्क ही वायरस से बचाव में कारगर हैं. जो मास्क स्कूलों में दिए गए है या जो परिजन अपने बच्चो को निजी मेडिकल स्टोर से मास्क खरीद कर पहना कर स्कूल भेज रहे है वो ये सुनिचित कर ले कि मास्क ट्रिपल लेयर और एन 95 मास्क ही हो, अन्य मास्क कारगर नहीं है|

कितनी देर करता है काम है मास्क
– स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए सामान्य मास्क कारगर नहीं होता, लेकिन थ्री लेयर सर्जिकल मास्क को चार घंटे तक और एन-95 मास्क को आठ घंटे तक लगाकर रख सकते हैं। यही कि अगर आप एन-95 मास्क लेते है तो आपको उसे रोज़ बदलना होगा|
– ट्रिपल लेयर सजिर्कल मास्क लगाने से वायरस से 70 से 80 पर्सेंट तक बचाव रहता है और एन-95 से 95 पर्सेंट तक बचाव संभव है।
– वायरस से बचाव में मास्क तभी कारगर होगा जब उसे सही ढंग से पहना जाए। जब भी मास्क पहनें, तब ऐसे बांधें कि मुंह और नाक पूरी तरह से ढक जाएं क्योंकि वायरस साइड से भी अटैक कर सकते हैं।
– एक मास्क चार से छह घंटे से ज्यादा देर तक न इस्तेमाल करें, क्योंकि खुद की सांस से भी मास्क खराब हो जाता है।

कैसा पहनें
– सिर्फ ट्रिपल लेयर और एन 95 मास्क ही वायरस से बचाव में कारगर हैं।
– सिंगल लेयर मास्क की 20 परतें लगाकर भी बचाव नहीं हो सकता।
– मास्क न मिले तो मलमल के साफ कपड़े की चार तहें बनाकर उसे नाक और मुंह पर बांधें। सस्ता व सुलभ साधन है। इसे धोकर दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

ध्यान रखें कि
– जब तक आपके आस-पास कोई मरीज या संदिग्ध मरीज नहीं है, तब तक मास्क न लगाएं।
– अगर मास्क को सही तरीके से नष्ट न किया जाए या उसका इस्तेमाल एक से ज्यादा बार किया जाए तो स्वाइन फ्लू फैलने का खतरा और ज्यादा होता है।
– खांसी या जुकाम होने पर मास्क जरूर पहनें।
– मास्क को बहुत ज्यादा टाइट पहनने से यह थूक के कारण गीला हो सकता है।
– अगर यात्रा के दौरान लोग मास्क पहनना चाहें तो यह सुनिश्चित कर लें कि मास्क एकदम हो। अपने मास्क को बैग में रखें और अधिकतम चार बार यूज करने के बाद इसे बदल दें।

यह रहें सावधान :-
5 साल से कम उम्र के बच्चे, 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं। जिन लोगों को निम्न में से कोई बीमारी है, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए :
– फेफड़ों, किडनी या दिल की बीमारी
– मस्तिष्क संबंधी (न्यूरोलॉजिकल) बीमारी मसलन, पर्किंसन
– कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग
– डायबीटीजं
– ऐसे लोग जिन्हें पिछले 3 साल में कभी भी अस्थमा की शिकायत रही हो या अभी भी हो। ऐसे लोगों को फ्लू के शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
– गर्भवती महिलाओं का प्रतिरोधक तंत्र शरीर में होने वाले हॉरमोन संबंधी बदलावों के कारण कमजोर होता है। खासतौर पर गर्भावस्था के तीसरे चरण यानी 27वें से 40वें सप्ताह के बीच उन्हें ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।

वही चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौर ने भी स्वाइन फ्लू के हालातो को देखते हुए सभी जिला कलेक्टर को स्तनिया हालत देखते हुए स्कूलों में छुट्टी करने के निरेश दे दिया है, मगर अजमेर जिला कलेक्टर आरुषि मालिक जी को या तो ये आदेश मिले नहीं है या उन्हें अजमेर के हालात ऐसे नहीं लग रहे की स्कूलों की छुट्टी कर दी जाए ज्ञातज्ञ हो की अब तक अजमेर में आधिकारिक आकड़ो के हिसाब से स्वाइन फ्लू से 19 मोते और 51 पॉजिटिव मरीज़ सामने आये है, जो की पुरे राज्य में सबसे ज्यादा है | इतनी भयावर स्थिति होने की बाद भी अगर कल कोई छात्र-छात्रा स्कूल टाइम में इसकी चपेट में आ गए तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.|
बात अगर शहर में ३ मंत्रियो की जाए तो उनपर कोई टिप्पणी करना व्यर्थ ही होगा क्युकी शायद उनको पता ही नहीं होगा की असली स्वाइन फ्लू के आंकड़े क्या है क्युकी वो तो पूर्ण रूप से पंचायत और जिला परिषद चुनाव में अपना बोर्ड बनवाने में ही लगे हुए है, समय मिले तो कोई निर्णय ले | आखरी जिला प्रनुख का चुनाव भी आज हो गया हो सकता है कि अब कलेक्टर साहिबा और मंत्री जी स्वाइन फ्लू कि सुध ले और तुरंत प्रभाव से स्कूलों कि छुट्टी करे और मासूमो को घर में ही सुरक्षित रहने का फतबा जारी करे|

सुमित कलसी

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