क्या प्रदूषण जांच सिर्फ एक ढोंग सिद्ध होगा ?

kअजमेर के वैशाली नगर पेट्रोल पंप के पास वाहन प्रदूषण जांच के लिए लगी वाहनों की लंबी लाइन ….
परंतु
आश्चर्यजनक रूप से कोई भी टेम्पू या ऑटो जांच के लिए लाइन में नहीं था ….
हम सभी जानते हैं कि वातावरण को दूषित करने में इन वाहनों के emmissions का कितना बड़ा role है …
क्या उन के लिए अलग केंद्र हैं ?
या
उन को इस जांच से मुक्त रखा गया है ?
साथ ही एक जुलाई से जांच बिना पेट्रोल नहीं देने की जो योजना है, उस के क्रियान्वन के लिए प्रशासन कितना संजीदा है, ये देखना है ?
क्या कोई धरपकड़ के लिए टीम बनायी गयी है ?
या
ये सिर्फ राजस्व प्राप्ति का साधन मात्र है ?
क्या प्रदूषण जांच सिर्फ एक ढोंग सिद्ध होगा ?
क्या इस अभियान की भी अन्य अभियानों की तरह हवा निकल जायेगी ?
सोचनीय प्रश्न ??
कीर्ति पाठक

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