अजमेर की सड़कों पर आज कल लम्बी लाईनें देखने को मिल रही हैं ! आम लोग अपने अपने दो पहिया वाहनों को लेकर कड़ी धुप में लाईन लगाये देखे जा सकते हैं ! ये बेचारे सब सरकार की थोपी हुई निति के कारण है ! अजमेर में पोल्यूशन के नाम पर आम जनता को लुटा जा रहा है ! इस पर मेने एक शाम आना सागर चोपटी पर बैठ कर बीतायी और देखा की अजमेर की इस सड़क पर कितने ऐसे वाहन हैं, जो पोल्यूशन फैला रहे हैं ! करीब दो घंटे में इस स्थान पर बैठ कर यही सर्वे कर रहा था ! जिसमे अधिकाँश दो पहिये वाहन का दोनों और से आना जाना लगा रहा ! लेकिन मजे की बात यह है की इनमें से कोई भी ऐसा वाहन नहीं देखने को मिला जो पोल्यूशन फैला रहा हो या किसी प्रकार का धुंआ हवा में फैला रहा हो ! लेकिन इसके विपरीत जब लोकल ट्रांसपोर्ट यानि सिटी बस , रुट पर चलने वाले टेम्पो को देखा तो 10 मैं से 8 ऐसे वाहन थे जो काला धुंआ उड़ाते हुए जा रहे थे ! इस ही प्रकार लोडिंग वाहन का भी यही हाल था अपनी क्षमता से अधिक सामन भर कर जा रहा टेम्पो व् अधिक सवारी लेकर जा रहा टेम्पो दोनों ही इतना धुंआ उडाते हुए जा रहे थे की पीछे चलने वाले दो पहिया वाहन चालकों के सफ़ेद कपडे काले हो जाएँ ! पुरे शहर मैं इस नजारे को हम देख सकते हैं ! गाँधी भवन स्टेशन रोड पर तो रेड लाईट पर खड़े खड़े ये टेम्पो इतना धुंआ उड़ाते जायेंगे की बिना मशीन के कोई भी बता सकता है की इन वाहनों के कारण सबसे अधिक पोल्यूशन फ़ैल रहा है ! लेकिन वाह रे सरकार फरमान भी ऐसा जारी करती है जो केवल आम जनता को ही भुगतना पड़े ! चोरहों पर खड़े ट्रेफिक पुलिस के सिपाही के पास से भी यदि वह टेम्पो या धुंआ उडाता वहां गुजर जाए तब भी उनका चालन नहीं होता क्यों ? ये आप सब अच्छे से जानते हैं वहीँ यदि कोई आम इंसान अपने दो पहिया वाहन से हेलमेट भी लगा कर जा रहा हो तो उसको रोक कर चालन किया जा रहा है जबकि उसके वाहन को यदि चेक किया जाये तो पोल्यूशन फ्री निकलेगा लेकिन एक बार आम इंसान इन ट्रेफिक वालों के आगे रुक गया तो समझ लो चालन तो बनेगा ही ! सड़कों के नाम पर वर्षों पुराने पेड़ों को काट दिया गया इसका साफ़ उदाहरण वैशाली नगर व् आदर्श नगर मैं बनी सड़क हैं ! पेड़ों को काटने के बाद आज तक किसी प्रकार के पेड़ नहीं लगाये गए जो शहर में हो रहे पोल्यूशन को रोकने में सहायक होते हैं ! इस और किसी का ध्यान नहीं बस आम जनता को लूटना है साउंड पोल्यूशन शहर मैं चलने वाली सिटी बसों मैं हैं , उनमे गाने चलते हैं इन सब की और से अपनी आँखें बंद किये बैठे सिपाही अपने कर्तव्यों को भूल सरकार और खुद की जेबें भरने मैं लगे हैं ! ट्रेफिक पुलिस चालान काटे तो काटे अब तो थानों के आगे भी वाहनों को रोक कर चालान काटे जा रहे हैं ! जबकि थानों के सिपाहियों को शहर मैं हो रही चोरी सड़क पर लुट आदि मैं कहों ध्यान नहीं ! चारों और से पैसा इक्कठा करने मैं लगे हैं ! वो भी सिर्फ आम जन को परेशां करके ! स्टेशन पर आये दिन टेम्पो जाम लगा देते हैं ! आम आदमी स्टेशन के अन्दर अपनी गाड़ी नहीं ले जा पाते घंटा घर के सामने तो इन टेम्पो वालों का सरदार है जो आपकी गाड़ी नहीं खड़ी होने देगा बस वहां टेम्पो या सिटी बस ही खड़ी मिलेगी ! जबकि दो पहिया वाहन पेट्रोल से चल रहे हैं जिनमे पोल्यूशन नाम मात्र का होता है ! लोकल ट्रांसपोर्ट डीजल से चलते हैं जिनमें अधिक एयर पोल्यूशन होता है ! यदि अभियान ही चलाना है तो सबसे पहले इन डीजल से चलने वाले वाहनों की जाँच की जानी चाहिए !
devendra saxena
2 thoughts on “अंधेर नगरी चौपट राजा”
Comments are closed.
अजमेर की जनता ने तो ठगे जाने के लिये ही जन्म लिया है! सभी प्रदूषण जांच केन्द्र वाले वाहनों को बगैर स्टार्ट करे बगैर प्रदूषण का स्तर जॉचे ही प्रदूषण मुक्त वाहन का सर्टिफिकेट बेच रहे है!
अजमेर की जनता कब तक सोई रहेगी ? यह मेने कई बार सोचा लेकिन क्या करें अजमेर के लोग न तो अच्छे से सो पते हैं न अच्छे से जाग पाते हैं ! यही काम यदि कोटा में हो रहा होता तो पूरा शहर सड़क पर इसका विरोध कर रहा होता लेकिन अजमेर की जनता कब जागेगी पता नहीं !