श्रीमान गुईटे साहब I A S को नगर निगम में C E O लगा कर भले ही स्मार्ट सिटी का सपना पूरा नहीं किया हो पर शान्त सिटी का सपना तो साकार कर दिया क्योकीं गुईटे साहब को हिन्दी नहीं आती है औऱ उनसे मिलने वाले अजमेर वासियों को अंग्रेजी नहीं आती है जब वो आपस में मिलते हैं एक दूसरे को देख कर सिर्फ हंसते है औऱ अच्छे वातावरण में विदा हो जाते है , इसको कहते है आम के आम औऱ गुठलियों के दाम ।
-राजेश टंडन अजमेर