इनके जीवन की को सबसे ख़ास बात मुझे लगती है वो है इनका सरल और मधुर व्यवहार । जिसका में पिछले 15 सालो के पत्रकारिता जीवन से ही कायल रहा हूँ । इनके इसी गुण का ही परिणाम है की राजस्थान में चाहे किसी भी राजनैतिक पार्टी की सरकार हो । सभी सरकारो में त्रिपाठी जी अपनी भूमिका पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ निभाकर अपनी उपयोगिता साबित कर ही देते है ।
दोस्तों जनसम्पर्क कार्यालय से जुड़े होने के नाते मेरे कई पत्रकार साथी इनसे अच्छे से परिचित होंगे । लेकिन फिर भी बाकी साथियो की जानकारी बढ़ाने के लिए में इनके जीवन के इस महत्वपूर्ण पद तक पहुँचने की यात्रा को संक्षिप्त में बताने का प्रयास कर रहा हूँ ।
इनका जन्म जगत पिता भगवान् ब्रम्हा की नगरी पुष्कर में 1 जनवरी 1956 को हुआ । इनके पिताजी का नाम श्री मूलचंद जी त्रिपाठी और माँ का नाम श्री मति राजकंवर जी त्रिपाठी है । बेहद साधारण परिवार में जन्मे प्यारे मोहन जी ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत साल 1972-73 में न्याय अखबार से की । इसके बाद उन्होंने हिन्दुस्तान सहित अन्य समाचार पत्रो में भी अपनी लेखनी से जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाई । बहुत कम लोगो को पता होगा की इस दौरान इन्होंने ऑल इण्डिया रेडियो में भी अजमेर संवाददाता के रूप में अपनी सेवाएं दी ।
पत्रकारिता करते हुए इन्होंने राजस्थान सरकार के जनसम्पर्क विभाग में जाने का मन बनाया और इनकी कोशिश रंग लाई । जिसके चलते 18 अप्रैल 1980 को इन्हें पहली बार जोधपुर में एपीआरओ के पद पर नोकरी मिली । इसके बाद इन्होंने इसी पद पर अजमेर , ब्यावर और अन्य शहरों में 6 साल तक अपनी सेवाएं दी । इनके कार्य और काबिलियत से प्रभावित होकर राज्य सरकार ने इन्हें साल 20 दिसंबर 1986 को जनसम्पर्क अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया और सबसे पहली पोस्टिंग चुरू जिले में की । इस पद पर आसीन होने के बाद श्री त्रिपाठी ने लंबी पारी खेली और कई जिलो में सेवायें देने के बाद अजमेर में स्थानांतरित होकर आये । 1986 से साल 2013 तक त्रिपाठी जी ने इसी पद पर कार्य करते अपनी एक विशिष्ठ पहचान बनाई । जिसके बाद इनके कार्यो से खुश होकर राज्य सरकार ने इन्हें 5 फरवरी 2013 को निदेशक जन संपर्क विभाग के पद पर पदोन्नत कर दिया । ख़ास बात यह रही की अजमेर में निदेशक का पद नहीं होने के बाद राज्य सरकार ने उसे यहाँ क्रमोन्नत करके त्रिपाठी को अजमेर में ही सेवाएं करने का अवसर प्रदान किया , और इसी महीने 15 अक्टूबर 2015 को राजस्थान की मुख्यमंत्री माननीया वसुंधरा राजे जी ने एक पायदान और ऊपर चढ़ाते हुए इन्हें संयुक्त निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पद पर पदोन्नत करने के आदेश प्रदान कर दिए ।
आपकी जानकारी के लिए बता दूं की जनसम्पर्क विभाग में संयुक्त निदेशक के केवल दो ही पद है । वह भी राजधानी जयपुर में । लेकिन सरकार ने ना केवल इन्हें इतना बड़ा ओहदा दिया बल्कि इसी पद पर रहते हुए पूर्व की भाँती अजमेर में ही काम करने का सौभाग्य भी प्रदान किया ।
वाकई प्यारे मोहन जी की यह उपलब्धि बहुत बड़ी उपलब्धि है । अपने काम और काबिलियत के चलते ही आज यह इस मुकाम पर पहुंचे है और यह समूचे पुष्कर और यहाँ के निवासियो के लिए भी बहुत ही गर्व की बात है । इसमें कोई शक नहीं की इन्होंने पुष्कर का नाम रोशन कर अपना हक़ अदा किया है । मुझे आशा ही नहीं पूरा विश्वास है कि श्री त्रिपाठी आने वाले सालो में जनसम्पर्क विभाग के महानिदेशक बनकर इसी तरह पुष्कर सहित अजमेर जिले का नाम गौरवान्वित करते रहेंगे ।
राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन