क्या ये हे अच्छे दिन भारत की मोदी सरकार के ?

हेमेन्द्र सोनी
हेमेन्द्र सोनी
लगता हे अच्छे दिनों का भोली और लाचार और बेबस जनता से कोई मतलब नहीं हे । मोदी जी ने पिछले दिनों विदेशो में घूम घूम के देश की छवि बनाई हे उस अंतरराष्ट्रीय स्तर पे भारत की छवि को खा तो नहीं सकती पेट की भूख तो नहीं मीटा सकती । दालों और रोजमर्रा के खाने पिने की चीजो के दाम कम होंगे और भ्रस्टाचार कम होगा तो देश की जनता के पेट की अग्नि शांत होगी नहीं तो वो दिन दूर नहीं जिस दिन देश की साधारण और निम्न स्तर का जीवन यापन करने वाली जनता पेट की भूख और अपने बच्चों की भूख से परेशान हो गई तो एक एक नेता को घर से ढूंढ ढूंढ के दोडायेगी । भाई साहब पेट की आग ना जाने क्या क्या करवा देती हे इसके उदाहरणों से इतिहास भरा पड़ा हे । अब जनता के धैर्य की परीक्षा मत लो सब्र का बाँध ना जाने कब झलक जाए कोई नहीं कह सकता ।
देश में राजनितिक रासुखात रखने वालो को मलाई मिल रही हे और गरीब जनता अपने भाग्य को कोसने के अलावा कर भी क्या सकती हे ?
क्या 5 साल बेबस और लाचार जनता इनको ऐसे ही झेलती रहेगी और ये ऐसे ही जनता के सर पे डांस करते रहेंगे । आज देश की जनता को एक ऐसे कानून की जरुरत हे जिसमे की बहुमत से चुन के आई सरकार यदि अपना राजधर्म ठीक से ना निभाये तो उस सरकार की समीक्षा कर फिर से चुनोती दी जा सके या उसके लिए फिर से जनता वोट देकर सरकार के पास या फेल होने की पुष्टि कर सके । अब देश की जनता को अन्ना हजारे की याद आ रही हे की उसने इन नेताओ की नकेल कसने के लिए और देश की जनता को राहत दिलाने के लिए ही अपना आंदोलन किया था लेकिन इन बेईमानो ने उस कानून को लोलीपोप की तरह चूस कर रद्दी की टोकरी में फेंक दिया ।
नेताओ को देश और जनता का सेवक का कार्य और अपना राजधर्म उचित तरीके से नहीं निभाने पे बर्खास्त करने का कानून शीघ्र बनना चाहिए तब कही इस जनता को राहत मिलेगी ।
हेमेन्द्र सोनी BDN ब्यावर

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