30 नवम्बर को ही स्पष्ट संकेत दे दिए थे

राकेश भट्ट
राकेश भट्ट
पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत आज संसदीय सचिव बनाये गए है । जिसके चलते समूचे विधानसभा क्षेत्र सहित अजमेर जिले की जनता में भी ख़ुशी की लहर है ।
विधायक रावत को संसदीय सचिव भले ही आज बनाया गया हो लेकिन मैंने पिछले साल 30 नवम्बर 2015 को ही लिखे अपने ब्लॉग में इस बात के स्पष्ट संकेत दे दिए थे । जो आज सच साबित हुए । पेश है उस दिन लिखा गया मेरा ब्लॉग ••••••

जल्द ही मिल सकती है विधायकों को लालबत्ती , मुख्यमंत्री वसुंधरा ने तैयार की संसदीय सचिवों की लिस्ट

पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत को भी मिल सकती है लाल बत्ती , पुष्कर मेले के शानदार आयोजन से मुख्यमंत्री राजे हुई खुश ।

आगामी दिनों में कभी भी हो सकती है संसदीय सचिवो की घोषणा , सूची को दिया अंतिम रूप ।
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राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है। एक-दो मंत्रियों के बदलाव के साथ सबसे ज्यादा फोकस संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को लेकर है। जानकारी मिली है कि संसदीय सचिवों की सूची तो सीएम वसुंधरा राजे और उनकी टीम ने तैयार भी कर ली है, बस कभी भी घोषणा और शपथ दिलाई जा सकती है। संसदीय सचिव बनने के लिए विधायकों की लंबी कतार लगी है, इनमें 21 विधायकों के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। विधायको की इस सूची में सबसे प्रमुख नामो में पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत का भी नाम चल रहा है । आपको बता दें की अभी हाल ही में संपन्न हुए पुष्कर मेले के दौरान मुख्यमंत्री राजेे दो दिन तक पुष्कर ही रही थी और मेले की बेहतर व्यवस्थाएं करने के लिए विधायक सुरेश रावत और पालिकाध्यक्ष कमल पाठक की पीठ भी थपथपाई थी । उसी का नतीजा है की अब रावत को लाल बत्ती मिलने की संभावना बढ़ गई है ।

लालबत्ती पाने के लिए राज्य के अन्य विधायकों की लॉबिंग करीब एक पखवाड़े से तेज हो गई है। यह भी बताया जा रहा है कि सूची भले ही बन गई हो, लेकिन लॉबिंग इतनी ज्यादा है कि अंतिम समय तक इसमें बदलाव हो सकता है। संसदीय सचिव बनने की होड़ में 20 से ज्यादा विधायक जद्दोजहद में लगे हैं।

ये 21 नेता है दौड़ में

संसदीय सचिव के रूप में लालबत्ती की आस लगाने वाले विधायकों की संख्या को एकदम दावे के साथ कहना तो कठिन है, क्योंकि इस सम्मान से कौन वंचित होना चाहेगा। फिर भी पार्टी और सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार कुछ विधायकों के नाम सामने आए हैं, जो इन पदों के लिए प्रयासरत हैं और अपनी-अपनी जुगत लगाए हुए हैं।

इनमें ओमप्रकाश हुड़ला (महुआ), कुंजीलाल मीणा (बामनवास), देवेंद्र कटारा (डूंगरपुर), सुरेश सिंह रावत (पुष्कर), विश्वनाथ मेघवाल (खाजूवाला), जसवंत यादव (बहरोड), रामहेत यादव (किशनगढ़बास), चंद्रकांता मेघवाल (रामगंजमंडी), ज्ञानदेव आहूजा (रामगढ़), पब्बाराम विश्नोई (फलोदी), भवानीसिंह राजावत (लाडपुरा), लादूराम विश्नोई ( गुढ़ामालानी), शंकर सिंह राजपुरोहित (आहोर), हीरालाल नागर (सांगोद), मानसिंह गुर्जर (गंगापुरसिटी), बंशीधर बाजिया (खंडेला), छोटू सिंह भाटी ( जैसलमेर), अभिषेक मटोरिया (नोहर) के नाम शामिल हैं। इनके अलावा कैलाश चौधरी (बायतु), कैलाश भंसाली (जोधपुर), गोपाल जोशी (बीकानेर वेस्ट) और कल्याण सिंह चौहान के नाम भी चर्चा में हैं। जसवंत सिंह यादव, रामहेत यादव, भवानी सिंह राजावत, लादूराम विश्नोई, बंशीधर बाजिया और अभिषेक मटोरिया जैसे पुराने विधायकों में से एक-दो को मंत्रिपरिषद में शामिल करने की तैयारी भी है।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अब कभी भी इन नामो की घोषणा कर सकती है । वैसे यह नाम अंतिम सूची नहीं है कभी भी कोई फेरबदल किया जा सकता है ।

राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन

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