धार्मिक नगरी पुष्कर की मर्यादा बचाये रखने के लिए बनना चाहिए सख्त कानून

कई होटल और रेस्टॉरेन्ट संचालक भी परोस रहे है शराब और कबाब
प्रभावी कानून के लिए जनप्रतिनिधियो से लेकर सामाजिक संस्थाओ को सरकार पर बनाना होगा दबाव

राकेश भट्ट
राकेश भट्ट
धार्मिक नगरी पुष्कर में मुग़ल काल में शहंशाह अकबर के ज़माने से ही शराब और मांस पर पाबंदी लगी हुई है । जो अग्रेजी हुकूमत के दौर भी जारी रही और देश को आजाद होने के 68 सालो बाद आज भी जारी है ।
खास बात यह है कि मांस और मदिरा के सेवन पर यह पाबंदी सैकड़ों सालो से चली आने के बावजूद आज दिन तक ऐसा कृत्य करते हुए पाये जाने वाले दोषियों के विरुद्ध कोई ठोस कानून नहीं बन पाया है ।

या यूँ कहे की देश आजाद होने के बाद से लेकर आज दिन तक आई किसी भी राज्य सरकार ने धार्मिक नगरी में चोरी छिपे हो रही ऐसी घटनाओ को रोकने के लिए कभी कोई गंभीरता नहीं दिखाई तो गलत नहीं होगा । आज तक अगर यह काम खुलेआम नहीं हो पाया है तो उसका पूरा श्रेय पुष्कर की जागरूक जनता को दिया जाना चाहिए जिनकी सजगता के चलते समय समय पर ऐसे कारनामे करने वाले बेनकाब होते रहते है ।

बुधवार की शाम को भी स्थानीय लोगो की सजगता के चलते ही मांस पकाते हुए दो युवक रंगे हाथो पकडे गए । लेकिन सवाल यह है की क्या ऐसी एक दो घटनाओ से उन लोगो पर लगाम लगाईं जा सकेगी जो हर रोज अपनी होटल , गेस्ट हॉउस और रेस्टॉरेन्ट में चोरी छिपे शराब और कबाब परोस रहे है । वहां आने वाले ग्राहकों से ज्यादा से ज्यादा मुनाफ़ा कमाने के लिए पुष्कर में कई जगह यह गोरखधंधा पिछले लंबे समय से लगातार चल रहा है । खासकर उन होटल और गेस्ट हाउस में जिन्हें बाहर से आकर लाखो रुपयो के सालाना ठेके पर लिया गया है ।

मेरा मानना है की अन्य शहरों और कस्बो से आने वाले ठेकेदारो को पुष्कर तीर्थ की मर्यादा और पवित्रता से कोई सरोकार नहीं होता । उनका सिर्फ और सिर्फ एक ही मकसद होता है ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने का । और इसके लिए यह लोग हर वो काम करते है जो नहीं करना चाहिए ।

हालांकि पुष्कर के स्थानीय लोग काफी जागरूक है लेकिन अब वक्त आ गया है जब ऐसे कृत्य करने वाले लोगो के खिलाफ ऐसा सख्त कानून बनाया जाये जिसे सुनकर ही इनके होश उड़ जाये । साथ ही साथ पुष्कर तीर्थ के 5 किलोमीटर के पेराफेरी क्षेत्र में चल रही सभी शराब की दुकानों का भी आवंटन निरस्त किया जाए ।

इसके लिए सबसे पहले चेयरमेन कमल जी पाठक की अगुवाई में बीजेपी पार्षदों द्वारा नगर पालिका की मीटिंग में सख्त कानून बनाने के लिए एक अहम् प्रस्ताव पास किया जाना चाहिए । जिसे बाद में संसदीय सचिव सुरेश जी रावत के द्वारा विधानसभा में भेजा जाये । साथ ही साथ पुष्कर पुरोहित संघ , ब्रम्हा मंदिर सहित अन्य संत महात्माओ और स्थानीय सभी सामाजिक संस्थाओ के प्रतिनिधियों द्वारा गृहमंत्री और मुख्यमंत्री पर सख्त कानून बनाने का दबाव बनाया जाना चाहिए तभी मुगलकाल से चली आ रही यह परम्परा और हमारे आराध्य पुष्कर तीर्थ की मर्यादा बचाई जा सकेगी ।

दोस्तों पुष्कर वासियो और यहाँ के जनप्रतिनिधियो को इसके लिए केवल एक दो दिन की नहीं बल्कि लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी तभी आप और हम अपने पुष्कर की पवित्रता बचाये रख पाएंगे और दोषी लोगो को कानून के द्वारा सजा दिलवाकर उन जैसे अन्य लोगो को भी सख्त सन्देश दे पाएंगे ।

राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन
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