पहले ई ओ और अब राज्य सरकार ने फेरा पालिका बोर्ड के अरमानो पर पानी

राकेश भट्ट
राकेश भट्ट
तक़रीबन 2 महीने पहले पुष्कर नगर पालिका के बीजेपी बोर्ड ने बहुमत के आधार पर सर्व सम्मति से विश्व के एक मात्र जगत पिता ब्रम्हा मंदिर को अधिग्रहण करने का प्रस्ताव पास किया था । हालांकि अधिग्रहण के मामले में शुरू से ही कानून के जानकारों ने इसे गलत फैसला करार देकर प्रथम द्रष्टया ही बेकार करार दे दिया था । लेकिन चूँकि बोर्ड द्वारा पारित प्रस्ताव था इसलिए एक प्रकार से सरकारी निर्णय हो चुका था ।

ख़ास बात यह थी की जिस बोर्ड मीटिंग द्वारा यह प्रस्ताव पारित किया गया उसके आधे घंटे बाद ही तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी गजेन्द्र सिंह रलावता ने मीडिया से बातचीत के दौरान इशारो इशारो में इसके प्रति असमति प्रकट कर दी थी । जिसे उन्होंने एक सप्ताह बाद राज्य सरकार को भेजे गए अपने डिसेंट नॉट में खुलकर व्यक्त भी कर दिया था ।

उसी डिसेंट नॉट को आधार बनाते हुए 7 जुलाई को राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक पुरुषोत्तम बियाणी ने ना सिर्फ मंदिर के अधिग्रहण का प्रस्ताव ख़ारिज कर दिया बल्कि अपने आदेशो में यह तक लिख दिया कि अधिग्रहण करने का विषय पालिका का होता ही नहीं है , ना ही ऐसा किया जाना संभव है ।

पहले ई ओ और अब राजस्थान सरकार द्वारा अधिग्रहण के प्रस्ताव को ख़ारिज किये जाने से यह स्पष्ट हो गया है की 6 जून की बोर्ड मीटिंग में जो प्रस्ताव पास किया गया था वह ना सिर्फ पूरी तरह से गलत था बल्कि सरकार द्वारा गठित पालिका नियमो के विरुद्ध भी था । यही वजह है की इसे सरकार ने निरस्त करने का आदेश दे दिया है ।

एक और जहाँ सरकारी स्तर पर अब यह प्रस्ताव ख़ारिज किया जा चुका है वही दूसरी और राजस्थान हाई कौर्ट ने भी इसमें यथा स्थिति के आदेश दे रखे है । वहां पर भी पालिका को दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है । फिलहाल अभी सुनवाई जारी है और जल्द ही हाई कौर्ट का भी फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है ।

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ़ नेशन*
powerofnation.news@gmail.com
Mo. 9828171060

error: Content is protected !!