..पिछड़ रहे सरकारी स्कूल!

*प्रशासन निजी स्कूलों पर मेहरबान*

सुमित सारस्वत
सुमित सारस्वत
सरकार शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए करोड़ों-अरबों रुपए खर्च कर रही है। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी बच्चों को सरकारी स्कूलों से जोड़ने के लिए नित-नए प्रयोग कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकार के तमाम प्रयास विफल प्रतीत हो रहे हैं। निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थी फिसड्डी हैं। ब्यावर उपखण्ड प्रशासन की ओर से जारी एक सूची में इसका खुलासा हुआ है।
ब्यावर में आगामी 15 अगस्त को उपखण्ड स्तरीय स्वाधीनता दिवस समारोह में सम्मानित होने वाली 26 प्रतिभाओं की इस सूची में सरकारी स्कूल का एक भी विद्यार्थी शामिल नहीं है। उपखण्ड अधिकारी आशीष गुप्ता के अनुसार शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट परिणाम के लिए कोमल माहेश्वरी, जोन्टी सिंह, युवराज मौर्य, आंचल बाकलीवाल, अनामिका कोठारी, कृतिका सिंह को सम्मानित किया जाएगा। यह सभी विद्यार्थी निजी शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत हैं। ऐसे में सवाल उठते हैं कि क्या वाकई सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर कमजोर है? या प्रशासन निजी स्कूलों पर मेहरबान है? चिंताजनक बात है कि यह हालात उस शहर के हैं जिसके जिले से शिक्षा राज्यमंत्री स्वयं जुड़े हैं। इसी जिले में एक और मंत्री अनिता भदेल और संसदीय सचिव सुरेश रावत भी हैं। तीन-तीन मंत्री होने के बावजूद शिक्षा के बिगड़े हालात प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

*कैसे मिलेगा प्रोत्साहन!*

उपखण्ड क्षेत्र में करीब 350 से अधिक सरकारी विद्यालय संचालित हैं। बड़ी चिंताजनक बात है कि प्रशासन को इनमें से एक विद्यार्थी भी सम्मान योग्य नहीं मिला। भले ही कोई विद्यार्थी मेरिट में स्थान हासिल करने में कामयाब नहीं हुआ हो मगर खेलकूद, साहित्यिक, सांस्कृतिक व विज्ञान मेले जैसी अन्य शैक्षिक गतिविधियों में तो विद्यार्थियों ने राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर गौरव बढ़ाया ही है। ऐसी प्रतिभाओं को तो सम्मान देकर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए था। चाहे ऐसे किसी प्रतिभावान विद्यार्थी ने आवेदन नहीं किया हो मगर क्या शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दायित्त्व नहीं कि प्रतिभाओं को प्रोत्साहन के लिए आगे बढ़ाए। अगर प्रशासन इसी तरह अनदेखी करता रहा तो सरकार का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा।

*सरकारी शिक्षकों का होगा सम्मान*

भले ही सूची में सरकारी विद्यालय के किसी विद्यार्थी का नाम नहीं हो मगर आधा दर्जन सरकारी शिक्षकों को सम्मान के योग्य माना गया है। प्रधानाचार्य राजेश जिंदल को पटेल विद्यालय में पद पर रहते हुए उल्लेखनीय कार्य के लिए, प्रधानाध्यापक अशोक कुमार खींचा को विद्यालय में भौतिक संसाधन व शैक्षिक उन्नयन के लिए, शारीरिक शिक्षक राजेश परिहार को खेलकूद व व्यायाम प्रतियोगिता संचालन के लिए, मदनसिंह चौहान को सर्व शिक्षा अभियान में उल्लेखनीय कार्य के लिए, प्रधानाध्यापक लक्ष्मणसिंह चौहान को विद्यालय नामांकन व उल्लेखनीय कार्य के लिए, व्याख्याता श्रीकिशन वैष्णव को उत्कृष्ट परीक्षा परीक्षा परिणाम के लिए सम्मानित किया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम श्रेष्ठ रहे ना रहे, शिक्षक अपना कार्य बखूबी कर रहे हैं। *

-सुमित सारस्वत ‘SP’, सामाजिक विचारक, मो.09462737273*

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