लेकिन कारयक्रम मे तिरंगे झँडो की कमी खली। पूरे मैदान मे मुख्य ध्वजारोहण के ध्वज के अलावा तीन चार झँडे ही नजर आ रहे थे। कम से कम राज्य स्तरीय आयोजन मे तो मैदान तिरंगोँ से भरा हुआ होना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने भी भाषण मे अजमेर या राज्य के लिए कोई छोटी बडी घोषणा नहीं की। गर्मी के बावजूद स्कूली बच्चों को उनके प्रदर्शन से बहुत पहले धूप मे मैदान मे बैठा दिया गया। कार्यक्रम के सफलता पूर्वक पूरा होने के बाद अधिकारियों के चेहरे खिल उठे। आखिर दो दिन सी एम रहने के बाद मुस्कराते हुए लौटी। न किसी की डाँट पडी न वसुन्धरा नाराज होकर गई। जाहिर है सारा श्रेय कलक्टर गौरव गोयल को मिलेगा। क्योंकि दो दिन मे सीएम ने किसी भाजपा नेता को लिफ्ट नहीं मारी। हर समय वो गोयल से ही फीड बैक लेती रही।
