बच्चा ट्रेन शुरू होने से पहले ही उखाड़ी ट्रेन की पटरियां
दुर्भाग्य की बात हे की ट्रेन आने के लगभग 2/3 वर्ष बाद भी कभी इसकी सिटी नहीं बजी और बच्चों को मायूस होना पड़ा । ट्रेन का सफलता पूर्वक ट्रायल कांग्रेस और भाजपा के बोर्ड में हो चुका था लेकिन आज तक शहर की जनता समझ नहीं पाई की ट्रेन क्यों नहीं चली ।
*लेकिन शायद अब ऐसा लगता हे की बच्चों की ट्रेन चलने का सपना कभी पूरा भी नहीं होगा क्योकि रविवार 4 सितम्बर 2016 को प्रशासन द्वारा ट्रेन की पटरियो का कुछ हिस्सा तेजा मेले की व्यवस्था के आड़ में उखाड़ दी गई । क्या यह पटरियां तेजा मेले के बाद वापस लगाईं जायेगी या नहीं कुछ कह नहीं सकते ।
इस कारण शहर वासियो को अब यह शंका बलवती होती नजर आ रही हे की क्या बच्चों को ट्रेन की खुशिया नसीब होगी ?
नगर परिषद् के पूर्व प्रतिपक्ष नेता जोली भाई ने पूछने पे बताया की यह पटरियां तेजा मेले की व्यवस्था के लिए अस्थाई रूप से हटाई हे, तेजा मेले के पश्चात पुनः इसे जोड़ दिया जाएगा ।
भगवान् करे ऐसा ही हो नहीं तो जो बच्चे ट्रेन का इन्तजार करते हुए बड़े हो रहे हे यही बच्चे कल का भविष्य हे और इन्ही राजनेतिक पार्टियो का वोट बैंक बनेगा । तब ये बच्चे बचपन में ट्रेन का आनंद नहीं मिलने का अपना बदला वोट के माध्यम से लेंगे ।
बच्चों की इन खुशियो को कही किसी की काली नजर लग गई ।
हेमेन्द्र सोनी @ BDN ब्यावर
