बिना तालमेल के राशन कार्ड बनाएंगे तो ऐसा ही होगा

पूरे शहर के नागरिकों के राशन कार्ड नए सिरे से बनाने की महती योजना पर बिना तालमेल के काम करने का परिणाम ये निकला कि मात्र दो हफ्ते में ही प्रशासन हांफ गया और पूरी व्यवस्था बेकाबू हो गई। नतीजतन अब निर्धारित फार्म जमा करवाने की तारीख 31 जुलाई कर दी गई है। इसके बाद भी यह बहुत बड़ा काम अधूरा ही रह जाने की आशंका है।
हालांकि इस कार्य को शुरू करने के साथ ही जिला रसद अधिकरी हरि शंकर गोयल की नगर निगम प्रशासन व पार्षदों के साथ बैठक करवाई गई, मगर वहां कैसा तालमेल हुआ, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बैठक में पार्षदों ने गोयल को खुले आम भ्रष्ट कहा और राशन वितरण प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार सहित कई अहम मुद्दों पर गोयल को आड़े हाथों ले लिया। एक पार्षद ने कहा कि विभाग द्वारा प्रत्येक राशन की दुकान से चार सौ रुपए प्रति माह की रिश्वत ली जाती है। पार्षद मोहनलाल शर्मा ने यह कहते हुए सनसनी फैला दी कि गोयल तो खुद भ्रष्ट हैं, यह राशि इनके पास भी तो जाती है। इस पर गोयल महज इतना कह पाए कि यह आरोप झूठा है। किसी की सोच पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है। स्पष्ट है कि यह बैठक महज औपचारिक ही रही और उसका नतीजा सामने है ही।
हालत ये है कि कई वार्डों में अभी तक तो आवेदन पत्रों का वितरण ही शुरू नहीं हुआ है। जिन में वितरण हुआ है, वहां कुछ ही घरों में आवेदन पत्र ही पहुंचे हैं। रसद विभाग ने आवेदन पत्र बांटने के लिए जो प्रगणक लगाए थे, उसमें कई ने ड्यूटी निरस्त करवा ली। अधिकांश प्रगणक काम पर ही नहीं लौटे तो कई विभागों ने अपने कर्मचारियों को ही रिलीव नहीं किया। कई प्रगणकों ने किसी दुकान पर बैठ कर आवेदन पत्र बांटे। लोगों को जब फार्म नहीं मिले तो उन्होंने पार्षदों को तंग करना शुरू कर दिया। इस पर पार्षदों में नाराजगी होना स्वाभाविक है। उन्होंने अपना गुस्सा गोयल पर निकालना शुरू कर दिया है। वार्ड 42 के पार्षद दिनेश चौहान ने कहा कि कई वार्डों में फार्म की फोटोकापी करने की शिकायत गोयल से की तो वे झल्ला कर बोले कि जहां फार्म की फोटोकापी की जा रही है, उसकी फोटो खींच कर ले आएं।
बहरहाल, जब हालात बेकाबू हो गए तो रसद विभाग हाथ खड़े करने की स्थिति में आ गया और पार्षदों को अपने स्तर पर आवेदन पत्र और राशन कार्ड के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लगाने की सलाह दे रहा है। इस पर गुस्साए पार्षदों ने नगर निगम में बैठक कर गोयल की कार्यशैली पर रोष जाहिर किया। पार्षदों ने अपनी शिकायत निगम के सीईओ सी आर मीणा के समक्ष दर्ज करवाई है। पार्षदों ने बताया कि गोयल ने निगम में पार्षदों की बैठक के दौरान बड़े-बड़े दावे किए, मगर हालत ये है कि पार्षदों को उनके वार्ड में लगाए प्रगणकों के बारे में जानकारी ही नहीं है। पार्षदों ने आंदोलन तक की चेतावनी दे दी है। अब पार्षद मामले की शिकायत जिला कलेक्टर वैभव गालरिया से करेंगे। देखते हैं, जिला कलेक्टर क्या समाधान निकालते हैं। वैसे यदि जिला प्रशासन समय रहते जिला रसद अधिकारी गोयल व पार्षदा के बीच हुई खींचतान को देखते हुए ठीक से तालमेल बैठा लेता ताके कदाचित ये नौबत नहीं आती।
-तेजवानी गिरधर
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