चोट लगने के बाद भी रात भर संभाल रखा था मोर्चा
आईपीएस मोनिका सैन ने अपने साथ घटित उस खौफनाक मंजर के बारे में बताया कि शाम को अचानक नागौर जिला पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख को सूचना मिली कि रेलवे भीड़ रेलवे ट्रेक उखाड़ रही है और 8 काॅन्सटेबल को बंदी बना लिया गया है। इनमें से तीन पर कैरोसीन भी छिड़क दिया गया है ओर आग लगाने जा रहे हैं। इस पर एसपी देशमुख ने उन्हें साथ लिया और घटना स्थल की ओर बढ़ गए। उनके साथ दो गनमैन, एक ड्राईवर और एक अन्य हैड काॅन्सटेबल भी था। घटनास्थल से लगभग 800 मीटर दुरी पर ही भीड़ ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। एसपी देशमुख ने बाहर निकलकर भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन भीड़ उन पर भी पिल पड़ी। जैसे-तैसे एसपी देशमुख ने समाज के नेताओं की गाड़ी में शरण ली और अपनी जान बचाई।
गाड़ी पर लाठी और पत्थर बरस रहे थे
आईपीएस मोनिका सैन बताती हैं कि वह मंजर काफी खौफनाक था। हजारों की संख्या में लोग और चारों तरफ से लाठियां व पत्थर बरसाए जा रहे थे। गाड़ी एकाएक पलटने को हुई तो उन्होंने सभी को गाड़ी से उतरने के निर्देश दिए। सभी ने हैलमेट और जैकेट पहन रखा था। इससे काफी बचाव हुआ। भीड़ ने गनमैन की बंदूक छीन ली और सभी के साथ मारपीट शुरू कर दी। उन पर भी डंडे बरसाए गए। उन्होंने अपना हैलमेट हटाकर राजपूत समाज की बेटी होने की बात लोगों से कही। जब लोगों ने देखा कि महिला है तो कुछ को रहम आ गया। उन्होंने उसे जैसे तैसे वहां से बचाकर निकाला। वहां से छिपते छिपाते वह एक घर की ओर गई जहां कुछ महिलाएं खड़ी थी। महिलाओं ने अंदर ले जाकर बैठाया। वहां जाने के बाद ही उन्होंने स्थानीय थाना पुलिस से सम्पर्क किया। लगभग 40 मिनट वह उस घर में रूकी। इसके बाद महिलाओं ने उन्हें राजपूती ड्रेस पहनने की सलाह दी। उन्होंने वर्दी के उपर ही राजपूती ड्रेस डाली और स्थानीय थानाधिकारी के साथ थाने पहुंची। थाने जाते ही एसपी पारिस देशमुख और गनमैन सहित अन्य के बारे में जानकारी ली।
हुडदंगियों पर निकाला गुस्सा
इतना सब होने और खौफनाक मंजर से निकलने के बाद भी मोनिका सैन कहां हार मानने वाली थी। उन्होंने कहा कि थाने में जैसे ही हुडदंगियों को लाया गया तो उन्हें अच्छा खासा सबक सिखाया। इसके बाद पूरी रात वहां की व्यवस्था को देखते रहे और मोर्चा संभाले रखा। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने भी उन्हें आराम करने की सलाह दी लेकिन उन्होंने मामला निपटने के बाद ही चैन की सांस लेने की बात कही। अधिकारियों ने भी उनके इस साहस के लिए बाद में पीठ थपथपाई।
नेताओं पर हो कार्रवाई
आईपीएस सैन ने कहा कि इतनी मात्रा में भीड़ एकत्रित करने वाले राजपूत समाज के नेताओं के खिलाफ अवश्य सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि जिस तरह से माहौल को बिगाड़ा गया और पुलिसकर्मियों के साथ बेरहमी से मारपीट की गई यह पूरी तरह कानून के खिलाफ है। ऐसे लोगों पर यदि कार्रवाई नहीं होती है तो भविष्य में ऐसे दुसरे लोगों का मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से पुलिस का मनोबल गिरता है।
सैन की बहादुरी को सलाम
आईपीएस मोनिका सैन ने जिस तरह इस पूरे प्रकरण में भूमिका निभाई और चोटिल होने के बाद भी मोर्चा संभाले रखा। यह वाकई काबिले तारीफ है। उनकी यह बहादुरी सलाम करने योग्य है। अन्य महिला पुलिस अधिकारियों को भी चाहिए कि वह मोनिका सैन से प्रेरणा लें और हालातों से भागने की बजाय उनका डटकर सामना करे।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
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