*अजमेर* कठुआ और उन्नाव के बाद अब अजमेर में भी हुआ नाबालिक के साथ दुष्कर्म, मंदिर में 7 साल की बच्ची से पुजारी ने किया बलात्कार, अलवर गेट थाना पुलिस ने पुजारी को किया गिरफ्तार , समझ नहीं आ रहा पुलिस वाले हसं किस खुशी में रहे हैं , है तो ये उनके इलाके की दुखद घटना है बीट कांस्टेबल अगर कभी पहाड़ी पर काली चाट मंदिर जाता और इस साधू की तस्दीक सकूनत करता तो शायद ये घटना ही कभी नहीं होती , और उच्च अधिकारी और सम्बंधित डिप्टी तथा ऐडीशनल भी कभी कभी शहर का दौरा करें और अपने A/C कमरों से बाहर निकले तो शायद ऐसी घटनाओं पर अकुंश लगे , कोई सारी जिम्मेदारी अकेले पुलिस अधीक्षक की तो है नहीं पर अजमेर में आपसी समान्जयस का अभाव जाहिरा रूप से लगता है ,
कम से कम अजमेर शहर के उच्च अधिकारी तो भगवान की दया से ईमानदार हैं ये बात तो सब मानते हैं , पर थाना स्तर की ज्यादा ईमानदारी की जानकारी नहीं हैं ,पर अगर उच्च अधिकारी ईमानदार हैं तो निचले स्तर पर लापरवाही क्यों व कैसे हो रही है यह अत्यंत ही गंभीर विषय है , हां ये जरूर है अजमेर पुलिस में टीम वर्क बिल्कुल ना के बराबर है , जातिवाद बहुत हावी है स्वजातीय बन्धु भी कहीं भी पुलिस का इकबाल बुलंद नहीं कर रहें हैं , ऐसा लगता है जिला पुलिस मे problem suter कोई नहीं हैं ज्यादातर problem creator हैं , इसलिये पुलिस में हल्का गैर का सिद्धांत बहुत ही हावी है , अधिकारी गुर्पों में बटें हुऐ हैं , केकडी वृत तो जैसे अजमेर रेंज में ही नहीं है और नसीराबाद का भगवान ही मालिक है वो तो अजमेर जिले का सबसे विचित्र वृत है , एक आध उच्च अधिकारी को छोड कर कोई भी काम नहीं कर रहा है सबके सब टाइम पास कर रहे हैं या ट्रांसफर लिस्टों का इंतजार कर रहे हैं
राजेश टंंडन