जर्जर हालत में पहुंच गया है पाप मोचनी माता का मंदिर

◆ *2347 करोड़ रुपयों की विकास गंगा बहाए जाने के बाद भी जर्जर हालत में पहुंच गया है पुष्कर का अति प्राचीन पाप मोचनी माता का मंदिर ••••*

◆ *पुष्कर विकास के नाम पर हो चुके है सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च , कई जगह सौंदर्य के नाम पर हो रही है करोड़ो की बर्बादी , इधर आज भी मंदिर तरस रहा है विकास के लिए ••••*

राकेश भट्ट
धार्मिक नगरी पुष्कर में स्थित अति प्राचीन पाप मोचनी माता का मंदिर , सरल भाषा मे कहूँ तो पाप मोक्षणि माता , जहां जाते ही मनुष्य के सभी पापो का उसी क्षण नाश हो जाता है और उसे अपने पाप कर्मों से मोक्ष मिल जाता है । धार्मिक मान्यता के अनुसार पुष्कर सरोवर के एक और जहां पहाड़ी पर मां सावित्री विराजमान है तो दूसरी और माँ पाप मोचनी , दोनो ही देवी स्थान का ताल्लुक सतयुग से रहा है । यह दोनों स्थान आज भी लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रमुख केंद्र है । परंतु राजनैतिक भेदभाव के चलते एक और जहां सावित्री मंदिर में एंट्री प्लाजा सहित रोपवे एवं प्रसाद योजना में नीचे से ऊपर तक कि सीढियां बनाकर करोड़ो रुपयों का विकास करवाया जा चुका है वही दूसरी और इस मंदिर पर विकास के नाम पर एक मात्र रुपया भी अभी तक खर्च नही हो पाया है । हद तो यह है कि पुष्कर में हो रहे विकास कार्यो की सूची से ही इस मंदिर को बाहर रखा गया है । यही वजह है कि एक और दीवाली है तो दूसरी और होली ।

कहने को तो पुष्कर के विधायक और संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत अब तक 2347 करोड़ रुपयों के विकास कार्य करवा चुके है । परंतु पता नही क्यों उनके द्वारा पुष्कर में बहाई जा रही करोड़ो रुपयों की विकास की इस गंगा में अब तक यह मंदिर गोता नही लगा पाया । मंदिर में जाने वाला रास्ता आज भी पथरीला है । मंदिर के चारो तरफ बनी दीवारे पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है । उनमें जगह जगह दरार आ रही है । मंदिर के बाहर बने कमरे की छत टूट चुकी है । दीवार गिरने के कगार पर है । गर्भ गृह की हालत भी बेहद बुरी है । इसकी दीवारे और छत बेहद पुरानी हो जाने के चलते जीर्ण शीर्ण हो चुकी है । मंदिर के मुख्य मार्ग की तो छोड़ो मंदिर के गर्भ गृह में भी बिजली नही है । यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पीने का पानी उपलब्ध नही है । मंदिर का आंगन टूट चुका है । मंदिर के परिक्रमा मार्ग का भी हाल बेहाल है । मंदिर का रंग रोगन हुए जमाना बीत चुका है । परंतु फिर भी इसकी सुध लेने वाला कोई नही है ।

ऐसा लगता है यहां के जनप्रतिनिधियों को पुष्कर की इस प्राचीन धरोहर से कोई सरोकार ही नही है । प्रसाद योजना के नाम पर यहां के नेता अपने चहेतों को जमकर प्रसाद बांट रहे है । किसी के मकान पर सफेदी पोती जा रही है तो किसी के घर के बाहर लाल पत्थर लगाए जा रहे है । आलम यह है कि मंदिरों के नाम पर कईयों के घरों की तो पूरी मरम्मत तक कि जा चुकी है । सौंदर्य के नाम पर सैकड़ो बिल्डिंगे पोती जा चुकी है । अभी तक अपने मिलने वालों को खुश करने में ही नेताओ ने करोड़ो रुपयों की फिजूल बर्बादी कर दी है । परंतु मजाल है कि उस फंड में से एक रुपया भी इस मंदिर के विकास में खर्च किया गया हो । बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस मंदिर के साथ ही भेदभाव क्यों हो रहा है । क्यों एक मंदिर को तो विकास के नाम पर सम्पूर्ण सुविधाएं दे दी गई है और क्यों आज तक यह उपेक्षित पड़ा है ।

*हरियाणा के एक भक्त को मंदिर के विकास में नही मिला राजनेताओ का सहयोग ••••*
मंदिर के पुजारी परिवार की माने तो आज से 6 , 7 साल पहले हरियाणा के रहने वाले फतेह सिंह गौड़ नाम के एक भक्त ने इस मंदिर का कायाकल्प करने का बीड़ा उठाया था । पाप मोचनी माता उनकी कुलदेवी होने के कारण ही वह यहां अपनी जेब के करोड़ो रुपये खर्च करके ना सिर्फ मंदिर का सम्पूर्ण जीर्णोद्धार करवाना चाहता था बल्कि मंदिर में रोपवे से लेकर आने जाने के लिए नई सीढियां और पहाड़ी की तलहटी में श्रद्धालुओं के लिए एक विशाल धर्मशाला भी बनवाना चाहता था । उसने यहां आकर जीर्णोद्धार का काम भी शुरू कर दिया था । परंतु निर्माण के लिए पानी की समस्या सामने आई । उसने स्थानीय नेताओं से हेण्डपम्प की परमिशन में सहयोग मांगा जो उसे नही मिला । सूत्रों की माने तो उसने नेताओ से लेकर अधिकारियों तक खूब चक्कर भी काटे । परंतु लाख कोशिश के बाद भी जब परमिशन नही मिली तो वह हताश होकर लौट गया और जाते जाते कसम खाकर गया कि अब कभी यहां दोबारा नही लौटेगा ।

इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते है कि यहां के हालात कितने बुरे है । मेरा राज्य के धरोहर प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत से निवेदन है कि वे इस मंदिर की सुध लेकर इसका जल्द से जल्द जीर्णोद्धार करवाने का काम शुरू करे ताकि हजारो साल पुरानी हमारी आस्था की प्रतीक इस धरोहर को सुरक्षित बचाया जा सके । वैसे भी राजस्थान सरकार ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने में जुटी है । यदि अभी भी इस और गंभीरता से ध्यान नही दिया गया तो कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है जिसकी जिम्मेदारी निःसंदेह हमारे राजनेताओ की ही होगी •••••

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171060*

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