सांसद भागीरथ चौधरी से है अनेक अपेक्षाएं

स्मार्टसिटी अजमेर योजना: भारत सरकार ने 100 नगरों को इस योजना के अन्तर्गत स्मार्ट सिटी के रूप में विकशित करने की योजना वर्ष 2017 से लागू की है, राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, कोटा व अजमेर को इसके लिए चुना है। एक खास बात और, अमेरिका सरकार ने भारत के जिन तीन नगरों को स्मार्ट सिटी बनाने हेतु निर्णय लिया है उसमें अजमेर शामिल है। अर्थात अजमेर का नाम, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने में शामिल है। इस कार्य के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि दो-तीन बार अजमेर आकर योजना के सम्बन्ध में विचार-विमर्श कर चुके हैं। इस योजना हेतु ‘अजमेर स्मार्टसिटी लि.’ के नाम से एक कम्पनी रजिस्टर्ड कराई गई है, यूडीएच विभाग के मुख्य शासन सचिव इसके चेयरमैन , नगर निगम के महापौर व अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष इसके पदेन वाइस चेयरमैन हैं। कलक्टर मुख्य कार्यकारी अधिकारी व आयुक्त नगर निगम सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। निदेशक मण्डल में शामिल हैं आयुक्त अजमेर विकास प्राधिकरण, प्रतिनिधि यूएस (एमआरटीएस-ढ्ढङ्क)भारत सरकार, उपायुक्त नगर निगम, पीडी अरबन इन्फ्रा आरयूडीएसआईसीओ, जयपुर, मुख्य अभियंता नगर निगम अजमेर, मुख्य लेखाधिकारी नगर निगम अजमेर हैं।
हमारी मांग है:
1. इस योजना के क्रियान्वयन हेतु अलग से एक आईएएस अधिकारी की नियुक्ति आवश्यक है, ताकि योजना को गति मिल सके। वर्तमान में अजमेर के अत्यधिक व्यस्त विभाग के अधिकारी श्रीमान कलक्टर साहब सीईओ हैं एवं नगर निगम आयुक्त सहायक सीईओ हैं। कुल योजना 1947 करोड़ की है जिसका लगभग 10 प्रतिशत भाग भी खर्च नहीं किया जा सका है। 2017 से प्रारम्भ इस योजना की प्रगति अत्यधिक धीमी है अत: अलग से एक अधिकारी की नियुक्ति की जानी अत्यावश्यक है अन्यथा इस योजना की धीमी प्रगति इसके संतोषजनक परिणाम नहीं दे सकेगी।
2. अजमेर में दो वैकल्पिक मार्गों की अत्यधिक आवश्यकता है। प्रथम शास्त्रीनगर से वैशालीनगर, जिसकी कार्ययोजना श्री कमलेन्द्र झा, सेवानिवृत इन्जीनियर द्वारा नगर सुधार न्यास को दी गई है। द्वितीय नाका मदार जेपी नगर कॉलोनी से जयपुर रोड। मदार से जयपुर रोड के मार्ग की स्वीकृति लगभग 22-23 वर्ष पूर्व नगर सुधार न्यास ने सर्वे कराके अपनी योजना में दी है, प्रोसीडिंग में पास है, परन्तु कार्य प्रारम्भ ही नहीं कराया गया।

एन के जैन
अजमेर में ट्रेफिक की भारी समस्या है जिसके समाधान के अनेक प्रयास हुए परन्तु वैकल्पिक मार्गों के न होने से सफल नहीं हो सके। इन दो वैकल्पिक मार्गों से ट्रेफिक की समस्या का स्थाई हल निकल सकेगा। इन वैकल्पिक मार्गों की योजना को स्मार्टसिटी योजना में शामिल किया जाए। वर्तमान में ये शामिल नहीं हैं और स्मार्टसिटी अधिकारी कहते हैं कि कोई भी नया कार्य शामिल नहीं किया जा सकता।
भवदीय
एन.के. जैन
जनसम्पर्क प्रभारी,
अजयमेरु नागरिक अधिकार एवं जनचेतना समिति,
नाका मदार, अजमेर
मो. 9414004270

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