अजमेर। आम आदमी पार्टी की संभाग प्रभारी श्रीमती कीर्ति पाठक को आखिर अजमेर उत्तर के लिए ढ़ंग का प्रत्याशी मिल ही गया। हालांकि यह अभी दूर की कौड़ी है, मगर जिस प्रकार से साधन संपन्न गुलाब मोतियानी शहर अध्यक्ष पद के लिए राजी हुए हैं, उससे यही प्रतीत होता है कि आगे चल कर वे ही अजमेर उत्तर से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी होंगे।
असल में कीर्ति पाठक की बड़ी पैनी नजर है। वे जानती हैं कि मुस्लिम वोट बैंक में भी एक बड़ा हिस्सा है, जो कि भाजपा को तो कत्तई नहीं चाहता, और कांग्रेस से भी फोकट नाराज रहता है, वह आम आदमी पार्टी की ओर खींचा जा सकता है। इस प्रकार एक साथ सिंधी व मुस्लिम वोट बैंक में डाका डाला जा सकता है।
रहा सवाल मोतियानी का तो वे कायदे का स्कूल चलाते हैं। इस कारण प्रतिष्ठित तो हैं। जो आदमी स्कूल चला ले, समझ लीजिए कि उसे लोगों को भी चलाना आ गया। पढ़े-लिखे और कूल माइंडेड भी हैं। वैसे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा काफी समय से बताई जाती है, मगर उन्हें कोई उपयुक्त मंच नहीं मिल रहा था। बताया जाता है कि पिछली बार भी उनकी मंशा थी कि कांग्रेस के टिकट के लिए कोशिश की जाए, मगर उनसे कई अधिक गुना संपन्न दीपक हासानी के एडी चोटी का जोर लगाए जाने के कारण कदाचित वे पीछे हट गए। मोतियानी की प्रतिष्ठा तो है, मगर सिंधी समाज की मुख्य धारा में उनकी कोई खास सक्रियता नहीं है, लेकिन उसके लिए अभी बहुत समय पड़ा है। दीपक हासानी की तरह आखिरी साल-छह महिने में भी चौसर बिछाई तो काम चल जाएगा। बड़ी वजह ये है कि सिंधी समाज का एक गुट देवनानी का विकल्प चाहता है, फिर भले ही चाहे जो कोई हो।
कुल मिला कर श्रीमती पाठक की च्वाइस को दाद देनी होगी। छांट कर लाई हैं। वैसे उनकी राजनीतिक समझ इस बात की संभावना से इंकार नहीं करेगी कि अभी तो वे इस मंच पर काम करके पहचान बनाएंगे और आखिरी वक्त में पाला बदल कर कांग्रेस का टिकट भी मांग सकते हैं, क्योंकि वहां मैदान खाली है।
-तेजवानी गिरधर
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