ऐसे प्राइवेट अस्पतालों को सरकारें लें अपने अधीन

-क्यों न ऐसे अस्पतालों के संचालकों को जेल की हवा खिला दी जाए
✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।
👉जब पूरे देश में कोरोना महामारी से चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। रोजाना देश में सैकड़ों लोगों की जानें जा रही हैं। लाखों लोग जिंदगी-मृत्यु के बीच जूझ रहे हैं। फिर भी मानवता और इंसानियत पर कलंक प्राइवेट अस्पतालों में मौके का फायदा उठा कर चांदी कूटी जा रही है। लानत है इन अस्पतालों के मालिकों को और उनका साथ देने वाले डॉक्टरों व स्टाफ को। लगता है, यह निर्दयी लोग ऐसे नहीं मानेंगे, इसलिए देश की सभी राज्य सरकारों को ऐसे सभी प्राइवेट अस्पतालों को तुरंत अपने अधीन लेकर यानी अधिग्रहित कर कोरोना मरीजों को राहत देनी चाहिए।

प्रेम आनंदकर
साथ ही जिन अस्पतालों में मरीजों से लूट-खसोट के आरोप साबित हो जाते हैं तो उनके संचालकों और उनका साथ देने वाले डॉक्टरों व स्टाफ को गिरफ्तार कर जेल की हवा खिला देनी चाहिए। जब सरकारें बिना वजह बाहर घूमने वालों को पकड़कर चालान कर सकती हैं, वाहन सीज कर सकती हैं और सजा के तौर पर उन्हें क्वारेंटाइन कर सकती हैं तो फिर इन अस्पतालों पर शिकंजा क्यों नहीं कस सकती हैं। यदि ऐसा किया जाता है तो हो सकता है कि इन अस्पतालों में लूट-खसोट बंद हो जाए और मरीजों को भी समुचित इलाज मिलने लगे तो कइयों की जान बच सकती है। बस सरकारों को सख्ती से कदम उठाने की जरूरत है।

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