जानी मानी शख्सियत श्री धर्मेश जैन ने पेश की अनूठी मिसाल

वर्तमान अर्थ प्रधान युग में चल रहा आर्थिक आपधापी दौर और कोई अर्थ संपन्न व्यक्ति, जो अर्थ के महत्व को भलीभांति जानता हो, यदि अर्थ को नगण्य कर संस्कार को महत्व देता है तो यह वाकई एक सुखद आष्चर्य कहा जाएगा। जी हां, इसकी अनुकरणीय व अनूठी मिसाल पेष की है नगर सुधार न्यास, अजमेर के पूर्व अध्यक्ष, वरिश्ठतम भाजपा नेता, समाजसेवी और प्रमुख व्यवसायी श्री धर्मेष जैन ने, जिनकी संपन्नता आंकना जरा कठिन है। जिस किराये की दुकान पर वे तकरीबन 48 साल से काबिज थे, उसे उन्होंने एक भी रुपया लिए बिना दुकान मालिक को खुषी खुषी सौंप दी। दुकान की मार्केट रेट वर्तमान में करीब एक करोड होगी, जिसे दुकान मालिक श्री राकेष बाहेती को लौटाते हुए उनकी जुबान पर सिर्फ एक ही बात थी कि उन्हें राश्टीय स्वयं सेवक संघ के एक स्वयंसेवक होने के नाते जो संस्कार मिले थे, उन्हें चरितार्थ करने पर बहुत खुषी और गर्व का अनुभव हो रहा है। ज्ञातव्य है कि अजमेर में वे संभवतः वरिश्ठतम स्वयंसेवक हैं। दुकान की ताला-चाबी श्री बाहेती व उनकी धर्मपत्नी को सौंपने के अनमोल क्षणों के दर्षन करने व इस घटना में भागीदारी निभाने के लिए उन्होंने मुझे व वरिश्ठ पत्रकार श्री एस पी मित्तल को विषेश रूप से आमंत्रित किया था। इस अवसर पर श्री जैन के सुपुत्र श्री अमित जैन व सुपरिचित फार्मासिस्ट श्री मदन बाहेती भी मौजूद थे। दुकान मालिक ने स्वीकार किया कि दुकान का कब्जा देने की एवज में श्री धर्मेष जैन ने उनसे एक रूपया भी नहीं लिया है। यदि श्री जैन चाहते तो पगडी के नाम पर 50 लाख रुपए ले सकते थे, लेकिन इतनी बडी रकम का मोह त्याग कर उन्होंने संस्कार को तवज्जो दी, जो कि इस युग में एक आदर्ष संदेष है।
श्री जैन ने बताया कि कोई 48 साल पहले 1974 में जब वे देवगढ़ मदारिया से अजमेर आए थे तो सबसे पहले पृथ्वीराज मार्ग स्थित इसी दुकान पर बिजली के पंखों और सिलाई मशीन का कारोबार शुरू किया था, जिसका किराया था मात्र दो सौ रुपए। यह दुकान उनके लिए इतनी शुभ हुई कि वे लगातार उन्नति करते गए। इस दुकान पर संघ व भाजपा के बडे-बडे पदाधिकारी बैठ कर गपषप किया करते थे। आज जो सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक प्रतिश्ठा है, उसकी नींव यही दुकान है। इस कारण इससे उनका बहुत गहरा लगाव है। वे चाहते थे कि दुकान का कब्जा श्री बाहेती की माताजी को दें लेकिन कब्जा देने से पहले ही माताजी का निधन हो गया। मुझे उम्मीद है कि स्वर्ग में बैठी माताजी आज उन्हें आशीर्वाद दे रही होंगी। उन्होंने कहा कि संघ की षिक्षा के अनुरूप ही अपने कर्तव्य की पालना की है। उल्लेखनीय है कि नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष रहते उन्होंने अनेक विकास कार्य करवाए, जिनमें महाराणा प्रताप स्मारक व सांझी छत प्रमुख हैं। उनके कार्यकाल में ही गौरव पथ बना और सिंधुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक में महाराजा दाहरसेन की तांबे की प्रतिमा स्थापित हुई। श्री जैन संघ व भाजपा में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं और वर्तमान में भाजपा की राश्टीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। समाज में अनूठी पहल के लिए मोबाइल नंबर 9414227510 पर श्री जैन को बधाई दी जा सकती है।

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