पिछले लोकसभा चुनाव में अजमेर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर लड चुके प्रसिद्ध उद्योगपति व समाजसेवी रिजू झुंझुनवाला ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। स्वाभाविक रूप से उनका इस्तीफा अचंभित करने वाला है। खुद उन्होंने इस्तीफे का कारण उजागर नहीं किया है। कयास यह लगाया जा रहा है कि उन्हें अपेक्षित तवज्जो नहीं मिलने से वे क्षुब्ध थे। इसी के चलते उन्होंने कांग्रेस छोडी है। राजनीतिक समीक्षकों का यह कयास ठीक है, लेकिन ऐसा लगता है कि अकेला यह कारण ही नहीं रहा होगा। हो सकता है कि उन पर कोई अज्ञात दबाव भी रहा हो या उनकी कोई भावी योजना हो। चूंकि उन्होंने फिलवक्त कोई नई पार्टी ज्वाइन नहीं की है, इस कारण इस बात की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि उन्हें कांग्रेस मनाने की कोषिष करेगी। ज्ञातव्य है कि उनकी सास कांग्रेस की दिग्गज नेत्री श्रीमती बीना काक हैं। वैसे राजनीतिक गलियारे से यह खबर छन कर आ रही है भाजपा हाईकमान उनके संपर्क में है और जल्द ही उनको भाजपा में षामिल करने के गंभीर प्रयास किए जाएंगे। अंदरखाने उसका तानाबाना बुना भी जा रहा है। रहा सवाल भाजपा में उनके भविश्य का तो स्वाभाविक रूप से वे दुबारा अजमेर से ही चुनाव लडना चाहेंगे। चूंकि हारने के बाद भी वे अपनी दो संस्थाओं के जरिए अजमेर में लगातार सेवाकार्य करते रहे। अजमेर के इतिहास में षायद की किसी ने इतनी जनसेवा की हो। इस ग्राउंड को वे जाया नहीं होने देंगे। देखने वाली बात यह होगी कि जाट बहुल अजमेर सीट से उनको टिकट दिया जाएगा या नहीं। हो यह भी सकता है कि उन्हें राज्यसभा में ले जाया जाए। वह आसान रास्ता भी है। समझा जाता है कि भविश्य का कदम वे जल्द ही उठा लेंगे।