आनासागर बनाम जलकुंभी सागर

दोस्तों, नमस्कार। कैसी विडंबना है कि षहर को स्मार्ट बनाने के नाम पर ऐतिहासिक आनासागर की जमीन पाट कर सेवन वंडर्स बनाने का पैसा तो हमारे पास है, इसी सिलसिले में चौपाटी बना कर हम इठलाते हैं, मगर आनासागर को जलकुंभी मुक्त करने के लिए हमारे पास पैसे और संसाधन नहीं हैं। यह कम अफसोसनाक बात नहीं है कि जिस झील पर सबकी नजर है, खुले आम भ्रश्टाचार के चलते यह अपनी हालत पर आंसू बहा रही है। ऐसा नहीं है कि आनासागर में पहली बार जलकुंभी की समस्या पैदा हुई है। इससे पहले भी कई बार इस समस्या से दो दो हाथ होना पडा है, मगर हर बार केवल अस्थाई उपाय करके इतिश्री कर ली जाती है। बहुत दुख होता है कि सारे नेता, अफसर, बुद्धिजीवी आनासागर पर गहरी चिंता तो जाहिर करते हैं, मगर हम आज तक ऐसा सिस्टम नहीं बना पाए कि आनासागर खुबसूरत, स्वच्छ और साफ सुथरा बना रहे।

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