रोजनामचा

गडबडाया निगम का अर्थतंत्र
षहर की दाइयों का मानना है कि अजमेर नगर निगम के 15 अधिकारी एक साथ हटाए जाने से वहां का अर्थ तंत्र गडबडा गया है। वह एक मिलीजुली व्यवस्था थी। स्वाभाविक सी बात है कि ये अधिकारी कांग्रेस राज के समय से थे, तो भाजपा के सत्तारूढ होने के साथ उसके नेताओं की सिफारिष पर नए अधिकारी आने ही हैं। कुछ लोग इस मसले को विधायक अनिता भदेल व मेयर ब्रजलता हाडा के बीच रस्साकसी से जोड कर देख रहे हैं। जाहिर तौर पर इतने सारे अधिकारी हटाने की वजह से आम जनता के कामों पर बुरा असर पडा है। रहा आर्थिक व्यवस्था का तो, अनुभवी बताते हैं कि नए अधिकारी आने के कुछ समय बाद वह फिर से पहले जैसी हो जाएगी।

दरगाह दीवान की पहल गूंजी
वाराणसी में ज्ञानवापी और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद अदालत में है। हिंदू और मुस्लिम पक्ष के अलग-अलग दावे हैं। कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस बीच अजमेर दरगाह के प्रमुख सैयद जैनुल आब्दीन ने एक अहम बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी की ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिदों से जुड़े विवादों को अदालतों के बाहर सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी विवाद का समाधान आपसी सहमति से होना चाहिए। उनकी इस राय की देषभर में प्रतिक्रिया हुई है। भिन्न भिन्न मत हैं। लगभग सभी प्रमुख न्यूज चैनल पर उनकी पहल पर बहस करवा रहे हैं। जो कुछ भी हो मगर सूफी मत का सबसे बडा मरकज एक बार फिर राश्टीय क्षितिज पर उभर आया है।

रामचंद्र चौधरी ने झौंकी ताकत
अजमेर संसदीय सीट के लिए कांग्रेस टिकट के लिए डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने पूरी ताकत झोंक दी है। हाल ही जयपुर जा कर षक्ति प्रदर्षन कर चुके हैं। उसके बाद जयपुर के न्यूज चैनल भी उनको भाव देने लगे हैं। उनके पास दिखाने लायक ताकत यानि मेन पावर है भी। आखिरकार पिछले तीस साल से डेयरी पर काबिज हैं। मगर सवाल ये है कि क्या सचिन पायलट उनके लिए आसानी से सहमति दे देंगे। दोनों के बीच की नाइत्तफाकी जगजाहिर है। हां, इतना पक्का है कि अगर सचिन ने साथ दिया तो चौधरी वाकई दमदार प्रत्याषी साबित हो सकते हैं। जाट, गुर्जर, मुस्लिम व अनुसूचित जाति के वोट बैंक भाजपा प्रत्याषी का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त है।

यहीं पढे, यहीं प्राचार्य बन गए
कितना सुखद होता होगा, जब कोई जिस स्कूल कॉलेज में पढा हो, उसी का प्रिंसिपल हो जाए। ऐसे ही सुखद अहसास से गुजर रहे हैं, डॉ मनोज बहरवाल। उन्होंने हाल ही सम्राट पथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर के प्राचार्य का पदभार ग्रहण किया है। उन्होंने इसी महाविद्याल से पॉलिटिकल साइंस में एम फिल की। कॉलेज षिक्षा में उन्होंने डूंगरपुर, फलौदी आदि में सेवाएं दी हैं। अभी श्री हीरालाल देवपुरा राजकीय महाविद्यालय आमेट राजसंमद से स्थानांतरित हो कर आए हैं। जीसीए में पढाई के दौरान उनकी गिनती कुषाग्र छात्रों में होती थी। छात्र राजनीति में उनकी रूचि हुआ करती थी। वे आरंभ से उर्जावान थे और विभिन्न गतिविधियों में अग्रणी रहते थे।

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