इन दिनों अजमेर नगर निगम बहुत चर्चा में है। तकरीबन 15 अधिकारियों के तबादले के बाद सुर्खियां बढ गई हैं। एक आध प्रकरण से यह परसेप्षन बन रहा था कि ऐसा मेयर श्रीमती ब्रजलता हाडा व विधायक श्रीमती अनिता भदेल के बीच खींचतान की वजह से हुआ है। मगर अंदर की बात कुछ और है। असल में वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद निगम व एडीए के अधिकारियों की षिकायतें लगातार मिल रही थीं। इस पर उन्होंने स्मार्ट सिटी अधिकारियों व निगम के अधिकारियों की बैठक ली। उनकी क्लास लेते वक्त उन्होंने चिन्हित कर लिया कि कौन कौन अधिकारी सालों से जमा है और मनमानी कर रहे है। जिनकी वजह से पूरा सिस्टम भ्रश्टाचार की चपेट में है। उसी के आधार पर उन्होंने स्वायत्त षासन मंत्री को सूची बना कर भेज दी। एक झटके में सूची पर अमल हो गया और उन्हें अजमेर से बाहर कर दिया गया। निगम की पूरी व्यवस्था हतप्रभ रह गई, कि ये क्या हुआ। एक चोट से ही निगम में भ्रश्टाचार की कमर टूट गई। जाहिर तौर पर अब देवनानी की ही सिफारिष पर नए अधिकारी यहां लाए जाएंगे।
