हाल ही जब बसपा प्रदेश महासचिव वाजिद खान चीता और पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती की कांग्रेस में वापसी हुई तो राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा भी उठी है कि क्या अजमेर नगर सुधार न्यास के पूर्व सदर नरेन शहानी भगत को भी कांग्रेस में लाया जाएगा? ज्ञातव्य है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट की खिलाफत करते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दिया था, तब से वे कांग्रेस से बाहर हैं। समझा जाता है कि पायलट की खिलाफत के कारण उनकी कांग्रेस में एंटी में दिक्कत है। लेकिन सवाल उठता है कि पायलट से नाइत्तफाकी के बावजूद रामचंद्र चौधरी को टिकट दिया जा सकता है तो भगत की कांग्रेस में वापसी क्यों नहीं हो सकती? यहां बता दें कि जब भी पूर्व मुख्यमंत्री अषोक गहलोत अजमेर आए हैं, उनकी अगुवानी करने को भगत उपस्थित होते रहे हैं। अर्थात उनकी दिलचस्पी अब भी कांग्रेस में लौटने में है। इस बीच जानकारी यह भी है कि भाजपा भगत को अपनी ओर खींचने का विचार रखती है, लेकिन शायद भगत फिलवक्त तटस्थ बने हुए हैं। वैसे उनकी कांग्रेस में वापसी तभी हो पाएगी, जब चौधरी को ख्याल आएगा कि सिंधी वोट बैंक में सेंध के लिए भगत को लाना जरूरी है।