*कांग्रेस के प्रदर्शन में गुटबाजी, आखिर कौन मारे बाजी*

प्रेम आनंदकर
पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस के आह्वान पर शहर कांग्रेस की ओर से प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती, बिजली के बिलों में की गई बेहताशा बढ़ोतरी, पेयजल संकट और बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ कलेक्ट्रेट पर आयोजित धरना-प्रदर्शन में कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई। हालांकि धरना प्रदर्शन की अगुवाई शहर कांग्रेस के अध्यक्ष विजय जैन कर रहे थे, लेकिन अपने कुछ समर्थकों के साथ पहुंचे राजस्थान पर्यटन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने इसे हाईजैक करने का असफल प्रयास किया। प्रदर्शन के बाद जैन के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जब जैन और अन्य कांग्रेसी कलेक्टर को ज्ञापन दे रहे थे, उस दौरान राठौड़ कहीं नजर नहीं आए। किंतु बाद में अपने समर्थकों के नारों के बीच पहुंचे राठौड़ कलेक्टर चैम्बर तक पहुंचे, तब तक जैन और अन्य कांग्रेसी ज्ञापन देकर बाहर निकल रहे थे। राठौड़ और जैन की मुलाकात कलेक्टर के चैम्बर से निकलते-अंदर जाते वक्त हुई। राठौड़ को देखते ही जैन ने यह कहा, उन्होंने तो ज्ञापन दे दिया। इसी दौरान सामने आए राठौड़ ने कहा, हमारे साथ भी चलो। किंतु जैन उनके साथ नहीं गए। बाद में राठौड़ को कलेक्टर से मुलाकात की रस्म अदायगी कर लौटना पड़ा। बात यहीं खत्म नहीं हुई। ज्ञापन देने के बाद जब जैन कलेक्टर चैम्बर के बाहर पोर्च में पत्रकारों से बात कर रहे थे, तब राठौड़ ने भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वालों से बात करना शुरू कर दिया। उस समय कौन क्या बोल रहे हैं, पता ही नहीं चल रहा था। इसी दौरान जैन की तरफ खड़े कांग्रेसियों ने ’कांग्रेस जिंदाबाद’ के नारे लगाना शुरू कर दिया। जब धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व शहर कांग्रेस के अध्यक्ष जैन कर रहे थे और इसी नाते पत्रकारों से बात कर रहे थे, तो राठौड़ को भी उनके साथ ही खड़ा हो जाना चाहिए था और जैन की बात पूरी होने के बाद मीडिया वालों से बात करनी चाहिए थी। लेकिन यहां भी उन्होंने ’अपनी ढपली-अपना राग’ अलापना शुरू कर दिया। कांग्रेसी इस बात की चर्चा करते हुए नजर आए कि राठौड़ अजमेर में क्या मांगते हैं। वे यहां से ना प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं, ना शहर जिला कांग्रेस में कोई पदाधिकारी हैं। राठौड़ करीब दो साल पहले से अजमेर में सक्रिय हुए हैं। वे बानसूर के रहने वाले हैं और अजमेर से उनका कोई वास्ता भी नहीं है। जबकि राठौड़ खेमे के लोगों का कहना है कि पुष्कर के पास नांद गांव में राठौड़ का ननिहाल है, इस नाते वे अजमेर के दोहिते हैं और इसीलिए उनका अजमेर से विशेष लगाव है। आपको बता दें, राठौड़ ने नवंबर, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में पुष्कर सीट से चुनाव लड़ने के लिए जाजम बिछाई थी, लेकिन वहां से एक बार जीत कर शिक्षा राज्यमंत्री रह चुकी नसीम अख्तर इंसाफ के आंखें तरेरने के कारण उनकी दाल नहीं गली। फिर राठौड़ ने अजमेर उत्तर की ओर रूख किया, किंतु यहां शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व प्रदेश सचिव और प्रबल दावेदार महेंद्र सिंह रलावता ने उनकी जाजम जमने से पहले ही समेट दी। वे अब फिर से अजमेर उत्तर और पुष्कर में जाजम बिछाने की कोशिश कर रहे हैं। आपको यह भी बता दें, अजमेर और पुष्कर में अधिकतर कांग्रेसी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के हैं। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के कांग्रेसियों की संख्या बहुत कम है। राठौड़ गहलोत खेमे के ही हैं।*

*▶️सिमटा रायता देखने पहुंचे◀️*
*राठौड़ ने अजमेर में धरना-प्रदर्शन के बाद पुष्कर जाकर तीर्थ पुरोहितों से मुलाकात की, पुष्कर के पवित्र सरोवर की पूजा-अर्चना की और सरोवर में मछलियों के दम तोड़ने की स्थिति का जायजा लिया। जबकि पुष्कर में मछलियों के दम तोड़ने के कारण तीर्थ पुरोहितों और नागरिकों का आंदोलन पहले ही खत्म हो चुका था। कलेक्टर भी पुष्कर का दौरा कर चुकी थीं। यानी पुष्कर में शासन-प्रशासन के खिलाफ फैला विरोध का रायता सिमटने के बाद राठौड़ पहुंचे, किंतु उन्हें देखने और दिखाने लायक कुछ बचा ही नहीं था। बताया जाता है कि पुष्कर के भाजपा विधायक व राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने पुष्कर मसले पर प्रशासन से नाराजगी जताई थी। इसी के बाद कलेक्टर पुष्कर पहुंची थीं।*

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*✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।*
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