बिंदास कांग्रेस नेत्री थीं शकुंतला शर्मा पंडिताइन

अजमेर में ऐसे कई किरदार रहे हैं, जिनकी अजमेर की बहबूदी में अहम भूमिका रही है, मगर उनकी पहचान अतीत में खो गई है। कदाचित मौजूदा पीढी तो उनके नाम तक से वाकिफ नहीं होगी। उनमें से एक हैं स्वर्गीया श्रीमती शकुंतला शर्मा। पंडिताइन के नाम से प्रसिद्ध इस कांग्रेस नेत्री अपने जमाने में कांग्रेस के अग्रणी नेताओं में शुमार थीं। बिंदास व्यक्तित्व के कारण बहुत लोकप्रिय थीं। 12 फरवरी 1943 को जन्मी पंडिताइन ने बारहवीं कक्षा पास की और संस्कृत और एडवांस अंग्रेजी में डिप्लोमा किया। उन्होंने 1970 में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की और समाज सेवा की दिशा में कदम बढ़ाया। उन्होंने 1975 की बाढ़ में तन-मन-धन से जनता की सेवा की। 1976 में शहर जिला कांग्रेस कार्यकारिणी की सदस्य बनाई गईं। 1984 में कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की संयुक्त सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने महिला सशक्तिकरण और दहेज प्रथा व अत्याचारों के विरुद्ध महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे कांग्रेस के हर कार्यक्रम में अग्रणी रहीं और टूटे-फूटे नालों, गंदगी, बिजली व्यवस्था, पानी की सप्लाई जैसे मुद्दों पर सक्रिय रहीं। शकुंतला शर्मा ने 1980 में प्रौढ़ शिक्षा के तहत 280 महिलाओं को साक्षर किया और बाल साक्षरता में योगदान देने का संकल्प लिया। परिवार कल्याण और प्राकृतिक परिवार नियोजन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
1983 में रोटरी क्लब द्वारा नेत्र शिविर में महिलाओं और पुरुषों की सेवा की। लोकसभा चुनाव 1984 में विष्णु मोदी के प्रचार में प्रमुख भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त उन्होंने 1984 में सैकड़ों महिलाओं के साथ मिल कर रक्तदान किया और बाढ़ पीड़ित अनुसूचित जनजाति के लोगों को राशन सामग्री पहुंचाई।
शकुंतला शर्मा ने महिला कांग्रेस के साथ मिल कर जेल भरो आंदोलन में भाग लिया और इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी के समय भी जेल में रहने का साहसिक कदम उठाया। उनके नेतृत्व में अजमेर महिला कांग्रेस ने संघर्ष किए, जैसे सिंचाई विभाग का स्थानांतरण रोकना।
1988 में वे प्रदेश महिला कांग्रेस की संयुक्त सचिव और 1990 में कांग्रेस टिकट पर कुंदन नगर से नगर परिषद चुनाव की प्रत्याशी बनीं। इंटेक्स कांग्रेस और सेवादल महिला संगठन में भी उनकी सक्रिय भागीदारी रही।
उन्होंने 1998 में डॉ श्रीमती प्रभा ठाकुर के समर्थन में 140 महिलाओं को लेकर प्रचार किया। इस चुनाव में श्रीमती ठाकुर ने जीत हासिल की। अंतिम समय तक कांग्रेस की सेवा करते हुए, 1 अगस्त 2012 को उनका निधन हृदयघात से हो गया। अजमेरनामा न्यूज पोर्टल उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उनके एक पुत्र श्री लोकेश शर्मा कांग्रेस संगठन में सक्रिय हैं और दूसरे पुत्र श्री राजीव शर्मा स्वामी न्यूज चैनल में एंकर व रिपोर्टर के रूप में कार्यरत हैं। ज्योतिष पर भी उनकी पकड है।

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