वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व लोक अभियोजक श्री टेहल बुलानी का गत दिवस निधन हो गया। वे विलक्षण व्यक्तित्व के मालिक थे। कानून की बारीकी के जानकार। उन्होंने वकालत के पेशे को डूब कर किया। उन्हें राजनीतिक सूझबूझ भी गहरी थी। शहर की नस नाडी पर उनकी पकड थी। जिस केन्द्र से शहर संचालित होता है, वहां पर मौजूदगी थी उनकी। शहर की गति का तानाबाना बुनने वालों में उनकी हिस्सेदारी थी। यदि यह कहा जाए कि वे अजमेर के चंद शीर्षस्थ जागरूक लोगों में शुमार थे, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। कुछ राजनीतिक नेता उनसे मार्गदर्शन लिया करते थे। भूतपूर्व मंत्री स्वर्गीय श्री किशन मोटवानी के करीबी थे। वे स्वभाव से अलमस्त थे। खुशमिजाज। बहिर्मुखी व्यक्तित्व थे। अकेले इसी जिंदादिली व यारबाजी ने उन्हें उम्र के आखिरी पडाव तक जिंदा बनाए रखा। मगर अफसोस इस बात का होता है कि जैसे ही कोई शख्स उम्र दराज होने के कारण सार्वजनिक जीवन से दूर हो कर एकाकी जीवन जीने को मजबूर होता है, लोग उसे भुला देते हैं। पुराने लोगों को जरूर ख्याल होता है, मगर नई पीढी को कोई भान नहीं होता कि अमुक शख्स का कभी अजमेर की बहबूदी से वास्ता रहा है। ऐसे अनेक शख्स गुमनानी की जिंदगी जी रहे हैं अजमेर में। अजमेरनामा न्यूज पोर्टल स्वर्गीय श्री बुलानी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
