सेवानिवृत्ति के उपरांत और अधिक ऊर्जा से सरस्वती की सेवा का संकल्प
सुपरिचित साहित्यकार श्री उमेश चौरसिया 29 सितंबर 2025 को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सहायक निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हो गए। अजमेर के साहित्य जगत व रंगकर्मीय पटल पर सर्वाधिक सक्रिय व ऊर्जावान हस्ताक्षरों में से एक हैं श्री उमेश कुमार चौरसिया। साहित्य को समर्पित यह शख्स न केवल अपनी सुवास बिखेर रहा है, अपितु नवोदित लेखकों को भी पल्लवित व पुष्पित करने में जुटा हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो, जबकि वे किसी न किसी साहित्यिक गतिविधि से न जुड़े हों।
कहते हैं न कि विद्या ददाति विनयम, ठीक उसी को चरितार्थ करती है उनके चेहरे पर पसरी विनम्रता। व्यवहार की सरलता, सहजता आपको तनिक भी अहसास नहीं होने देती कि भीतर एक गंभीर चिंतक व सृजनधर्मी का निवास है।
श्री चौरसिया ने अब तक 52 पुस्तकों का लेखन किया है। उन्हें अब तक अनेकानेक पुरस्कार मिल चुके हैं। गत दिवस जब उन्होंने सेवानिवृत्ति पर आयोजित समारोह के निमंत्रण दिया तो, मैने विनोद करते हुए कहा कि आप तो अभी जवान हैं, बोर्ड आपको सेवानिवृत्त कैसे कर रहा है? उन्होंने कहा कि यह केवल नौकरी से सेवानिवृत्ति है, उन्हें अब और अधिक उर्जा से मां सरस्वती की सेवा करने का मौका मिलेगा। अजमेरनामा न्यूज पोर्टल उनकी सृजनधर्मिता को प्रणाम करता है। साथ ही उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना करता है।