
न्यास के व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर एसीबी की ओर से की गई कार्यवाही भले ही पूरी तरह से शिकायतकर्ता अजमत और एसीबी के डीएसपी भीम सिंह बीका की मशक्कत से जुड़ी हुई हो, मगर इस मामले से न्यास के पूर्व अध्यक्ष धर्मेश जैन छा गए। उल्लेखनीय है कि इस कार्यवाही से दो दिन पहले ही उन्होंने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके न्यास अध्यक्ष नरेन शहाणी भगत पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने तो यहां तक कहा था कि नियमन के मामले में तकरीबन एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश की एंपावर्ड कमेटी को भी दोषी बताया था। इस पर संवाददातों ने उन्हें टोका भी था कि चुनावी साल में इस प्रकार का जनरल आरोप बिना सबूत के कैसे छापा जा सकता है, इस पर उन्होंने कहा था कि समय आने पर वे और भी खुलासे करेंगे। उन्होंने इस बात पर गहरा दुख जताया था कि इस शहर को जम कर बेचा जा रहा है। इससे पहले भी उन्होंने न्यास अध्यक्ष के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर आरोप लगाए थे कि न्यास में जम कर भ्रष्टाचार हो रहा है। एसीबी का ताजा कार्यवाही से जैन के आरोपों की पुष्टि होती है। हालांकि कार्यवाही होने के बाद पूरी शहर भाजपा न्यास सदर और सरकार पर हमला बोल कर क्रेडिट लेने की कोशिश कर रही हो, मगर सच ये है कि न्यास के मामले में विशेष रूप से जैन ही लगातार बोलते रहे हैं। पूर्व में न्यास अध्यक्ष रह चुकने के कारण उनको एक तो पूरे शहर की जमीनों के बारे में पूरी जानकारी है, दूसरा नियम-कानून-कायदों से भी अच्छी तरह से वाकिफ हैं। ऐसे में संभव है उनके पास नियमन के अब तक के सब मामलों की जानकारी हो कि किस मामले में कितना गोलमाल हुआ है। शहर के हित में उन्हें उन सब मामलों को जनता के सामने लाना चाहिए।
वाह रे अजमेर तेरा नसीब जो भी मिला बेहद ईमानदार मिला……..