-अरुण माहेश्वरी- भारत में इस बार का चुनावी संघर्ष भारत की आम मेहनतकश जनता, गरीब किसान, मजदूर, मध्यवर्ग के लोगों के साथ इजारेदार घरानों के नियंत्रण वाले बिकाऊ मीडिया के बीच का संघर्ष है। यह लड़ाई पूंजीपतियों के चौतरफा हमलों के सामने आम आदमी के अस्तित्व की रक्षा की लड़ाई है। उन्होंने विकास के सवाल को भी सांप्रदायिक उन्माद के समान ही एक उन्माद का विषय बना दिया है। विकास की कोई ठोस रूप-रेखा नहीं – कोरा उन्माद।
मीडिया पर मोदी के विरोध की हर बात को पूरी निष्ठुरता से सेंसर किया जा रहा है। वह आखिरी दम तक मोदी-मोदी की हवा बनाने में अथक रूप से लगा हुआ है। देखना यह है कि इस लड़ाई में मीडिया और उसका झूठ सफल होता है या भारत का स्वतंत्रता प्रेमी आम मेहनतकश आदमी। इस लड़ाई को अपनी अस्मिता की रक्षा की लड़ाई समझ कर हर आम मेहनतकश नागरिक को मोदी को पराजित करने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए। http://www.hastakshep.com