कांग्रेस 206 सीट पाए तो लहर नहीं, भाजपा 200 पा जाए तो लहर कैसे?

Narendra-modi-poster-newयदि आप नरेंद्र मोदी के प्रशंसक हैं तो इसे पढ़कर आपको तकलीफ हो सकती है। खासतौर से हिंदी और अंग्रेजी के उन पत्रकारों और संपादकों को सबसे ज्‍यादा कष्‍ट हो सकता है, जो नरेंद्र मोदी को दि‍ल्‍ली की सत्‍ता सौंपने के लि‍ए बेताब हैं। इन दि‍नों मीडि‍या में हर तरफ मोदी की लहर की बात चल रही है। एक अदना से रि‍पोर्टर से लेकर बड़े बड़े न्‍यूज एंकर और संपादक भी इस लहर में बहे जा रहे हैं। यह शब्‍द मीडि‍या को भाजपा ने दि‍या और हम पत्रकार अपनी खबरों से लेकर लेख तक में लहर का जि‍क्र कर रहे हैं।

लहर का मतलब होता है सबकुछ बहा कर ले जाना है। यदि देश में नरेंद्र मोदी की लहर है तो लोकसभा की 543 सीटों में से भाजपा को कम से कम 300 सीटों पर जीत दर्ज करानी चाहि‍ए। एक बार हम एनडीए की बात को छोड़ देते हैं, क्‍योंकि पूरा चुनाव मोदी के नाम पर ही लड़ा जा रहा है। यदि तीन सौ से कम सीट आती है तो आप खुद ही बताएं कि क्‍या इसे लहर कहा जा सकता है। पि‍छले चुनाव में कांग्रेस को 206 सीटें मि‍ली थी। जबकि भाजपा 116 सीटों पर वि‍जयी हुई थी। ऐसे में यदि भाजपा 200 सीटों पर भी आ जाती है तो क्‍या इसे लहर कहेंगे। जरा शांति से वि‍चार कीजि‍ए। क्‍योंकि मुझे याद नहीं पड़ता है कि 2009 में जब कांग्रेस 206 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी तो कि‍सी भी अखबार या चैनल ने इसे मनमोहन सिंह की लहर बताया था। लेकि‍न इस बार ऐसा नहीं होगा।

यदि भाजपा दो सौ सीटें भी जीत लेती है तो पूरा मीडि‍या इसे मोदी की लहर बताएगा। इसमें मैं मीडि‍या को दोष नहीं दे रहा हूं। हम पत्रकारों के साथ सबसे बड़ी दि‍क्‍कत यह है कि यदि हमें कोई कह दे कि कौआ कान ले गया तो हम कान को बाद में देखेंगे, पहले कौए के पीछे दौड़ेंगे। इस बार भाजपा ने पूरे चुनाव को एक शानदार इवेंट में तब्‍दील कर दि‍या है। कथि‍त दस हजार करोड़ खर्च करने के बाद पूरे देश में मोदी की कथि‍त लहर फैलाई गई। मीडि‍या इसमें सबसे बड़ा माध्‍यम बना। यदि भाजपा तीन सौ के करीब सीट लेकर आती है तो हम सबको इसे लहर मानना ही पड़ेगा। खैर अब अब आप मुझ पर कांग्रेसी पत्रकार होने का आरोप लगाएं, इससे पहले मैं आपको बता दूं कि मैं खुद चाहता हूं कि इस बार दि‍ल्‍ली से कांग्रेस की वि‍दाई हो जाए। सत्‍ता के दो केंद्रों, भष्‍ट मंत्रि‍यों और गलत नीति‍यों ने जनता का जीना हराम कर दि‍या है। ऐसे में कुछ सालों के लि‍ए कांग्रेस से मुक्ति जरूरी है।

पत्रकार आशीष महर्षि के फेसबुक वॉल से.

3 thoughts on “कांग्रेस 206 सीट पाए तो लहर नहीं, भाजपा 200 पा जाए तो लहर कैसे?”

Comments are closed.

error: Content is protected !!