अब एक दूसरे महाराजा की बात करते है । वे महाराष्ट्र के मुख्य सेवक यानी प्रदेश के मुख्य मंत्री है । २९जून २०१५ को वह अपने प्रतिनिधी मंडल के साथ अमेरिका जा रहे थे वह स्वयं और उनके सभी साथी बैठ चुके थे लेकिन उनके सचिव प्रदेसी का पासपोर्ट और वीसा साथ मे नही था ? उनको अपना पासपोर्ट और वीसा मंगवाने के लिए विमान को ९०मिनट तक रोके रखा गया था ।। जब उनके बगैर फ्लाईट को उडाने की बात की गई तो मुख्य मंत्री नै धमकी दी कि वह अपने साथियों के बगैर यात्रा नही करेगें और जहाज से उतर जायंगे । अब जब सारी कहानी न्यूज चैनलों पर चलने लगी तो सरकार और जनता मे खलबली होना तो स्वभाविक है ।उधर फडनवीस मान हानि का मुकद्दमा करने की धमकी दे रहे है। सबसे बडा सवाल तो यह है कि क्या बिना किसी जांच के जिसका पासपोर्ट और वीसा सही न हो वह व्यक्ति यान तक कैसे पहुंच गया ? क्या यह नई वी वी आई पी कल्चर का आगमन है या भारतीय जनता पार्टी के अच्छे दिनो का आरम्भ है ।
अब हमें तो ऐसा लगता है की जहां भारतीय प्रधान मंत्री देश के सभी वर्ग धर्म और जाति के लोगों को अपनी पार्टी और देश की मुख्य धारा में जोड़ने की चिंता में रात दिन लगे हुए हैं वहीँ उनकी पार्टी के साथी देश की एकता अखंडता और को दरकिनारा करके अपने आप को राजा रानी और महाराजा महारानी स्थापित करने में लगे हुए हैं । और जिस आम आदमी की पीठ पर चढ़कर मिस्टर नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने के लिए “सब का साथ सब का विकास” का नारा देकर सत्ता के शिखर तक पहुंचे हैं आज वही आम आदमी मोदी के मंत्री द्वारा अपने बैठने की जगह बनाने के लिए उस को जहाज से बाहर का रास्ता दिखाते हैं । तो दूसरी और एक मुख्य मंत्री 250 यात्रियों को एक अंतर्राष्ट्रीय उड़ान में डेढ घंटे तक बंधक बनने को मजबूर किये गए ? यह सब क्या है क्या यही गुड गवर्नेस का फ़तवा है या पार्टी और सरकार के अच्छे दिनों का आगमन है ? फैसला आप को करना है ?
sohanpal singh