कलेक्टर-एस.पी कॉन्फ्रैन्स कई मायनों में खास

राजेश टंडन
राजेश टंडन
राजधानी जयपुर में गत चार दिन तक चली कलेक्टर-एस.पी कॉन्फ्रैन्स इस बार कई मायनों में खास रही जैसे ए.डी.जी. (इंटेलीजेंस) को मीटिंग में बुलाना ही सी.एम.ओ. के अधिकारीयों ने उचित नहीं समझा और डी.सी.पी.यों के लिये मीटिंग स्थल पर स्थान का अभाव बताया गया, एस.पी.यों एवं जी.आर.पी.यों के लिये भी कोई जगह ना तो निश्चित की गई और ना ही इन लोगों को बैठने दिया गया। यह पुलिस के इतिहास में पहली बार हुआ कि ए.डी.जी. (इंटेलीजेंस) के बिना ही मीटिंग हो गई जबकि अगर पी.एम.ओ., दिल्ली में भी आई.जी. और डी.जी. पुलिस की मीटिंग होती है तो भी आज तक इंटेलीजेंस विभाग के बिना कभी मीटिंग नहीं हुई वहां चाहे क्राईम का ए.डी.जी. बुलाया जाए या ना बुलाया जाए पर इंटेलीजेंस तो आवश्यक रूप से होता है। मुख्यमंत्री जी की कॉन्फ्रैन्स में ए.डी.जी., मुख्यालय, लॉ एण्ड ऑर्डर और क्राईम तथा ट्रैफिक तो नजर आए पर इंटेलीजेंस विभाग को नजरअन्दाज कर दिया गया। सी.एम.ओ. में बैठे अधिकारीयों ने पहले भी गुर्जर आन्दोलन में वार्ता के समय भी पुलिस के कई अधिकारीयों को आमंत्रित नहीं किया था उसमें इंटेलीजेंस विभाग के भी ए.डी.जी. नहीं बुलाए गए थे। यह सब एक सोची समझी नीति के तहत हो रहा है या लापरवाहीवश हो रहा है ? उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार के कई मंत्री व जनप्रतिनिधि तथा केन्द्र सरकार के कई मंत्री यह शिकायत बार-बार माननीया मुख्यमंत्री जी से कर रहे हैं कि हमारे फोन ना तो उठाये जाते हैं और ना कॉल बैक हमें किया जाता है काम की तो बात बहुत दूर है जब फोन से ही सुनवाई नहीं हो रही तो हकीकत में क्या होगी ? परन्तु अब शुभ संकेत यह है कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने इस विषय पर प्रसंज्ञान लिया है और अधिकारीयों को निर्देशित किया है कि जब मैं सबके फोन सुनती हूं और 5000 चिट्ठियों के जवाब देती हूं तो आप लोग क्या दिन भर सूप और जूस ही पीते रहते हो। किसी भी राज्य की पुलिस के लिये इंटेलीजेंस विभाग बहुत महत्वपूर्ण है और हर जिले में उसके अधीनस्थ जैड.ओ. लगे रहते हैं जो जिले की पूरी रिपोर्टिंग करते हैं ए.डी.जी. (इंटेलीजेंस) के अधीन सुरक्षा का महकमा भी होता है और यहां विशेष उल्लेखनीय है कि राजस्थान में आदरणीय श्री उत्कल रंजन साहू साहब ए.डी.जी. (इंटेलीजेंस) के पद पर हैं जो राजस्थान पुलिस का गौरव हैं, उनकी छवि एक निष्पक्ष, ईमानदार और कर्मठ एवं संवेदनशील पुलिस अधिकारी के रूप में है, ऐसे योग्य एवं निष्ठावान अधिकारी को मीटिंग में नहीं बुलाकर पता नहीं सी.एम.ओ. के अधिकारी क्या संदेश राजस्थान की जनता को देना चाहते हैं ? क्या इंटेलीजेंस विभाग को बन्द करवाना चाहते हैं ? या इंटेलीजेंस विभाग उनके कार्यकलापों के बारे में माननीया मुख्यमंत्री जी को सही सूचनाएं ना दे दें इसलिये उनको मुख्यमंत्री जी से उनको दूर रखना चाहते हैं क्यों कि अभी जो कुछ जयपुर में मन्दिरों को जो तोड़ा है और जो प्रशासन के संबंध में हुआ है वह सर्वविदित है यहां माननीय गृहमंत्री जी का बयान जो उन्होंने पुलिस एंव प्रशासन के प्रति दिया है, उल्लेखनीय है ऐसे में लगता है कि एक सोची समझी राजनीति के तहत इंटेलीजेंस विभाग को इस कॉन्फ्रैन्स से दूर रखा गया है माननीया मुख्यमंत्री जी को इसका प्रसंज्ञान लेना चाहिये।
राजेश टण्डन, वकील, अजमेर।

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