अभी तो सौ साल भी नहीं हुए

राजेंद्र हाड़ा
राजेंद्र हाड़ा
स्वाधीनता दिवस के एक दिन पहले कुछ लोगों से इस बात की चर्चा हुई कि 15 अगस्त 2015 को मनाया जा रहा स्वाधीनता दिवस कौनसा है। एक विद्वान के अनुसार यह 67 वां स्वाधीनता दिवस है। दूसरे के मुताबिक यह 68 वां है तो तीसरे महाशय इसे 69 वां स्वाधीनता दिवस मानने पर अड़े थे। कुछेक विद्वान तो अपने भाषणों में इसे 69 वां ही कह रहे थे। कई स्कूलों ने भी अखबारों को छपने भेजी अपनी प्रेस विज्ञप्तियों में इसे 69 वां दिवस ही कहा। जब उनसे एक सवाल पूछा गया कि 1947 मे देश स्वतंत्र हुआ तो बताएं कि इसमें 47 गिना जाएगा या नहीं और गिनने के बाद और बिना गिने यह कौनसा स्वाधीनता दिवस होगा। अब उनका तर्क सुनिए। वर्षगांठ तो 68 वीं है परंतु दिवस 69 वां है। उन्हें जब पूछा गया कि 1947 को गिना जाएगा या नहीं। तो उनका कहना था कि दिवस मानते समय गिना जाएगा। उन विद्वानों से पूछा जाना चाहिए कि आप जब पैदा हुए थे उसके बाद उनका दसवां, बीसवां, तीसवां, चालीसवां जन्मदिन कब मनाया गया और आगे भी दस के गुणक में कब मनाया जाएगा। छोटे-छोटे बच्चे भी यह जानते और कहते हैं कि आज वह पांच, आठ, दस साल का हो गया और अब से उसका छठा, नौवां, ग्यारहवां साल शुरू होगा। एक से सौ तक की गिनती भी तो पूरी नहीं गिननी है परंतु वे इसे एक-एककर गिनना नहीं चाहते। इसमें उन्हें अपमान सा महसूस होता है कि एक-एक कर गिनना पड़ेगा। कैलकुटर कलचर और नेट वर्क ने उन्हें ऐसा गुलाम बना दिया है कि वे अंगुली पर गिनने या कागज कलम से मैन्युअली गिनती अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। देश की 50 वीं वर्षगांठ किस साल मनाई गई थी। और आजादी की साठवीं सालगिरह पर कौनसे प्रधानमंत्री ने और कब लाल किले से भाषण दिया था। यह सवाल पूछने पर वे कथित विद्वान बगलें झांकने लग गए। यह विद्वान पता नहीं मानेंगे या नहीं कि देश की आजादी की 70 वीं वर्षगांठ 2017 में होगी। या फिर वे खुद बताएं कब होगी। -राजेन्द्र हाड़ा

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