अस्पताल में एक टॉयलेट में गन्दगी देख डांटने लगे चिकित्सा मंत्री तो एक सीनियर चिकित्सक इस अंदाज में दिखे ??
क्या आपको पता है ये डॉक्टर साहब किन गलतियों के लिए हाथ जोड़ रहे हैं ???
ये अपने नॉलेज, चिकित्सकीय व्यवहार और मरीजों को ठीक करने से सम्बंधित गलती के लिए हाथ जोड़े नहीं खड़े हैं बल्कि निम्न गलतियों के लिए हाथ जोड़े खड़े हैं –
सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के कार्य -=-
पुलिस केस बनाना
स्टाफ की हाजिरी लेना
स्टाफ की लड़ाइयां निपटाना
नेताजियों की हुजूरी करना
बिजली समस्या ठीक करवाना
पानी आदि समस्या देखना
सफाई करवाना
पेड़ घास हटवाना
बायो मेडिकल वेस्ट देखना
वार्ड आदि का मैनेजमेंट
सरकारी पत्र पढ़ना
सरकारी पत्राचार करना
कोर्ट केसेज में जाना
मीटिंग्स में जाना
फील्ड में भ्रमण
दवाइयां सुनिश्चित करना
पानी की सेम्पल जाँच करवाना
नसबंदी टारगेट देखना
एम्बुलेंस 24×7 सही रखना
टीकाकरण सत्र देखना
सामान्य टूट फुट दुरुस्त करवाना
कंप्यूटर नेट का ध्यान रखना
बेडशीट कवर आदि धुलवाना
सभी इंस्ट्रूमेंट्स का ध्यान रखना
हॉस्पिटल से कुत्ते गाय भगवाना
और ऐसे ही हजारों लफड़ों में उलझके कुत्ते जैसी जिंदगी जीना ।।।।
तो भाई मरीज कब देखना ????
और अगर हॉस्पिटल का नल ख़राब है तो स्टाफ डॉक्टर को आके बोलेगा कि साहब नल से पानी गिर रहा है ठीक करवाओ ।।। उनका काम खत्म ।।
हॉस्पिटल परिसर में अगर कुत्ता मर गया तो स्टाफ आके बोलेगा कि साहब कुत्ता हटवाओ ।।
अब ???
जब तक डॉक्टर के पास डॉक्टरी के अलावा अन्य काम होंगें वो ऐसे ही गिड़गिड़ायेगा ??
अगर BC एक टॉयलेट में सफाई कम है तो उस अस्पताल का अधीक्षक किसी के सामने हाथ क्यों जोड़े ???
क्यों ना प्रशासनिक posts पर डॉक्टर्स को ना लगाया जाए ताकि वे मरीजों को देख सकें ….
इस से वर्कलोड भी कम होगा और टकराव भी …
आप की क्या राय है ?
कीर्ति शर्मा पाठक की फेसबुक वाल से साभार