कौन लड़ रहा है बिहार में चुनाव

ओम माथुर
ओम माथुर
बिहार में चुनाव कौन लड़ रहा है? शैतान,ब्रह्मपिशाच,बीफ,नरभक्षी या फिर भाजपा,जेडीयू और कांग्रेस। नेताओं की चुनाव सभाओं व प्रचार से उस बिहार में विकास का मुद्दा ही गायब है,जो सबसे पिछड़ा माना जाता है। देश के लोकतंत्र की ये क्या हालत हो गई है। चुनाव में आजम खान,औवैसी,संगीत सोम,योगी आदित्य नाथ,साध्वी निरंजना प्रभा जैसे लोग सुर्खियां बटोर रहे हैं,जिनका बिहार से कोई लेना-देना नहीं है। वोटों के लिए उन्माद पैदा करने में लगता है कोई पीछे नहीं रहना चाहता है। इसके लिए उन्होंने बेबस गाय को ही मुद्दा बना लिया है। अपने पिता की हत्या के बाद भी इखलाक का बेटा सरताज सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान कहता है। लेकिन जिन राजनीतिज्ञों पर हिन्दुस्तान को अच्छा बनाने की जिम्मेदारी हैं,वह एक दूसरे को शैतान,बदमाश,नरभक्षी,पिशाच जैसी उपमाओं से नवाज रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का कहना सही है कि लोगों को ऐसे नेताओं की बात नहीं सुननी चाहिए। लेकिन कम से कम उन्हें भाजपा के नेताओं को भी तो यह नसीहत देनी चाहिए कि वे अपनी जुबान को लगाम दें। अगर लोग सब कुछ समझ रहे हैं,तो कम से कम भाजपा नेताओं पर तो अपनी नजरें मोदी को तरेरनी चाहिए। वरना यही तो समझा जाएगा कि भाजपा भी योजनाबद्ध प्रचार में इन मुद्दों को उठा रही है। चुनाव तो निपट जाएंगे। कोई सत्ता भी हासिल कर लेगा। लेकिन देश के सद्भाव व हिन्दू-मुसलमान के बीच जो खाई बन जाएगी,उसे भविष्य में कौन पाटेगा? पहली बार ये खुलकर कहा जा रहा है भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की साजिश रची जा रही है और आजम खान यूएनओ में शिकायत की बात कर रहे हैं। सत्ता के लिए देश को ऐसी आग में झोंकना,जो अब और भड़केगी क्या उचित है? सभी राजनीतिक दलों और इनके नेताओं को सोचना होगा।
-ओम माथुर अजमेर

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