महान है ‘शब्द’…..

शमेन्द्र जडवाल
शमेन्द्र जडवाल
जीवन मे शब्द/प्राण हैं ।
> शब्द आन हैं,
> शब्द की बात निराली है-
> गर लग जाएँ तो बाण हैं ।
> कहीं घाव भी हैं-
> तो शब्द ही मरहम भी।
> कहीं जहर हैं शब्द –
> तो कहीं अमृत भी ।
> यदि शब्द को पकड़ पाएं,
> आप, तो गुणी-ज्ञानी हो गए।
> कभी मौत/कभी जिंदगी है ।
> बस!शब्द की महिमा –
> महान है ।
> अथवा यो कह लीजियेगा,
> बोलना आये या ना आये-
> शब्द आपकी शान हैं ।
> शब्द इतिहास है/संस्कृतीहैं,
> तो भूगोल भी-
> भाव भी रहे है शब्द,
> कहीं भगवान भी हैं ।
> द्वन्द में उतरें तो शब्द/ढाल हैं,
> तलवार है ।
> आपकी कही बोलियों में,
> लगाम है ।
> महब्बत का पैगाम है।
> न इन्हें वीजा चाहिए /
> ना पासपोर्ट ,
> दायरा इनका विशाल है-
> इसीसे विचरण के लिए,
> पूरा ब्रम्हांड है ।
-शमेन्द्र जडवाल

error: Content is protected !!