बिहार का चुनाव : त्वरित टिप्पणी

vijay sharma 3बिहार चुनावों के परिणाम से साबित हो गया कि बिहार जातिवाद के जाल में से कभी बाहर नहीं आ सकता| सभी व्यक्तियों की अपनी विचारधारा होती है, मैं पेशे से पत्रकार हूँ लेकिन अपनी विचारधारा रखने का मुझे भी सभी की तरह अधिकार है|
बडे बडे विश्लेषक अपना आँकलन करेंगे| मेरी नजर में बिहार में भाजपा के हार जाने के कुछ कारण यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ|
?बिहार का चुनाव पूरी तरह जातिवाद पर लड़ा गया| भाजपा का मुद्दा विकास था जो बिहारियो ने नकार दिया|
?बिहार में चुनाव थे इसलिये तथाकथित बुद्धिजीवियों ने सम्मान लौटाओ अभियान चलाया गया जो सफल रहा|
?डेढ साल में मोदी सरकार जमीन पर कोई प्रभावी काम दिखा नहीं सकी|
?प्रधानमंत्री के हद से ज्यादा विदेश दौरे भाजपा के नुकसान की बडी वजह बने|
?महँगाई रोकने में केन्द्र सरकार कम सफल हुई|
?जनता को केन्द्र सरकार बदल जाने के बाद भी कुछ बदलाव धरती पर महसूस नहीं हुआ|
?नरेंद्र मोदी ने अपना रवैया तानाशाहीपूर्ण रखा| भाजपा के बुजुर्ग नेताओं को मोदी ने दरकिनार कर उन्हें अपमानित किया| उसका नुकसान होना शुरू हो गया|
?जनता को अभी सिर्फ रोटी, कपडा, मकान, सस्ती शिक्षा और स्वास्थ्य चाहिए| बुलेट ट्रेन, मेट्रो ट्रेन, सरदार पटेल की 200 फिट उंची प्रतिमा की जरूरत अभी इंडिया को नहीं है|
?मोदी को भारत में कम से कम दो साल लगातार रहकर काँग्रेस के 65 साल के गड्ढों को भरना होगा|
?पत्रकार और आम हिन्दुस्तानी के रूप में यह मेरे निजी विचार हैं|
?मेरी नजर में नरेंद्र मोदी से बडा देशभक्त कोई नहीं लेकिन उन्हें अहंकार छोड़कर सबका साथ और सहयोग लेना होगा| पार्टी में भी सबकी सलाह लेकर काम करना होगा|
vijay sharma

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