कही देश के साम्प्रदायिक सौहार्द को बर्बाद करने के षड्यंत्र में देश का मिडिया भी तो नहीं निभा रहा है महत्वपूर्ण भूमिका
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ऐसा नहीं है की यह घटना पहली बार हुई हो । इससे पहले जब इसी मामले के आरोपी कन्हैय्या की रिहाई हुई थी तब भी मीडिया का यही वीभत्स चेहरा नजर आया । उस वक्त भी देशभर में लोगो की जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई थी और मिडिया को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी । लेकिन इसके बावजूद कल एक बार फिर जब वहीँ हरकत की गई तो इस बात में कोई शंका नहीं रह गई है की अपने आपको देश का जिम्मेदार बताने वाला मिडिया ही देश तो तोड़ने और आम जनता में नफरत फ़ैलाने का काम कर रहा है ।
आज हालात यह है कि कन्हैय्या और उमर खालिद जैसे देशद्रोही चौबीसो घंटे टीवी पर दिखाकर हीरो बनाये जा रहे है । भारत माता की जय नहीं बोलूंगा कहने वाले मक्कार और घटिया नेता असदउद्दीन औवेसी को स्टूडियो में बुलाकर उससे जहर उगलवाया जा रहा है । राजठाकरे , साध्वी प्राची , साक्षी महाराज जैसे नेताओ के फ़ालतू बयानों को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जा रहा है । सरकार द्वारा आम जनता के लिए किये जा रहे कामो की बजाय दिनभर देश के खिलाफ बोलने वालो को तवज्जो दी जा रही है ।
में दावे के साथ कह सकता हूँ की यह एक बड़े षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है । एक तो हमारे देश की चुनी हुई मोदी सरकार को बदनाम करके उसे कमजोर किया जाए और दूसरा देश की जनता में एक दूसरे के प्रति इतनी नफरत भर दी जाये की कोई भी सरकार उस खाई को ख़त्म ना कर पाये । दोस्तों बीते कुछ समय से मीडिया का इंट्रेस्ट उन खबरों पर ज्यादा रहता है जो देश को तोड़ने के लिए कही जा रही है । जिनसे देश में अलग अलग धर्मो के लोगो में गलत फहमियां पैदा की जा सके । जिनसे केवल अपनी टीआरपी हासिल की जा सके ।
आज ज्यादातर राष्ट्रीय न्यूज चेनलो को आम जनता की समस्याओ और परेशानियो से कोई सरोकार नहीं रह गया है । ऐसा लगता है की मिडिया भी देश को तोड़ने की हसरत रखने वाली ताकतों के आगे अपनी बोली लगाकर बिक चूका है और उनके इशारो पर मुजरा कर रहा है । कुछ न्यूज चेनल्स का तो काम ही बेवजह का विवाद पैदा करके उस पर कई कई घंटो की बहस करवाने और मामले को तूल देने का रह गया है । जनता से जुड़े सरोकारों की खबरे तो अब देखने को ही तरसने लगी है देश की आम जनता ।
मेरा मानना है की देशद्रोहियो का लाईव टेलीकास्ट करने वाले न्यूज चेनल्स के खिलाफ मोदी सरकार को सख्त कार्यवाही करके उन्हें कडा सन्देश दिया जाना चाहिए ताकि दुबारा से कोई भी ऐसी हरकत करने की हिम्मत नहीं करे । भले ही इसके लिए सरकार की किरकिरी हो , भले ही उसे चौथे स्तम्भ की आवाज दबाने वाली कहा जाए , भले ही उसे हिटलरशाही और तानाशाह करार दे दिया जाए । लेकिन देश की एकता और अखंडता के लिए प्रधानमंत्री जी को इस बात की चिंता नहीं करनी चाहिए । क्यों की देश को बचाना है तो इन जैसे सांपो के फन जहर उगलने से पहले ही कुचलने होंगे ।
राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन
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