क्या है राष्ट्रवाद?

sohanpal singh
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अब ऐसा लगता है की आर एस एस और बीजेपी मानसिक रूप से दिवालिये हो गए हैं ? जा वह नारा देते है “हिंदुस्तान में रहने वाले सब हिन्दू है ” और ” हिन्दुस्तान में रहना है तो वंदे मातरम् कहना होगा ” बिहार में करारी हर के बाद अक्ल कुछ ठिकाने आती उसके पहले ही आर एस एस और बीजेपी ने एक नया नारा जड़ दिया ” भारत माता की जय ” सभी को भारत माता की जय कहना होगा ? कारण यह की सत्ता हासिल करने के बाद उसे विस्तारित करना और अक्षुण रखने में ही सारी ताकत झोंकने के बाद भी अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे है ? बीजेपी का एक मकसद है मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण ? दक्षिण पंथी विचार धारा के पुजारियों के अब तक के प्रयोग से गणेश जी को दूध पिलाने से लेकर लव जिहाद तक का शार्ट कट अपनाने के बाद केंद्र की सत्ता तो मिल गई लेकिन राज्यों में स्तिथि ठीक नहीं है इसी लिए दल बदल करा कर स्थापित सरकारो को तोडा जा रहा है ? अब अगर कोई मुस्लिम भारत माता की जय कहने में विचलित होता है तो जोर जबरजस्ती क्यों , कोई अपनी माँ की जय नहीं बोलना चाहता है तो उसे राष्ट्रवाद के नाम पर क्यों प्रताड़ित किया जाता है ? किसी का अभिवादन करना या न करना नितांत निजी अधिकार है और संविधान में या कानून में में भी कोई बाध्यता नहीं है ? तो सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी राष्ट्रवाद के नाम पर एक समुदाय का शोषण क्यों करना चाहती है? वैसे भी किसी और धर्म के अनुयायियों से अधिक धार्मिक होते है अल्पसंख्यक ? अधिकांश मुस्लिम दिन में 5 बार प्रार्थना करते है और 5 बार ही धरती पर अपना माथा भी टेकते हैं क्या यह यह उनकी देश भक्ति का सबूत नहीं है ? भले ही यह सिजदा वह अल्लाह की इबाबत में करते हैं लेकिन धरती माँ को शाक्षी मानकर ही करते है ? जिसका प्रमाण किसी भी सच्चे मुस्लमान के माथे पर शान से देखा जा सकता है ? इस लिए श्री अडवाणी जी के कथन में सच्चाई ही झलकती है की “भारत माता की जय को लेकर विवाद व्यर्थ है ” इसलिए राष्ट्रवाद न तो सरकारी कानून से थोपा जा सकता है न ही कानून के जरिये इसको लागू किया जा सकता है ! हाँ यह सच है कि किसी को भी राष्ट्रविरोधी कार्य नहीं करना चाहिए ? क्या भ्रष्ट्राचार राष्ट्रहित में होता है ? क्या माल्या जैसे व्यक्ति राष्ट्र प्रेमी हैं ? क्या भारत के वे 650,000 आयकर दाता जिन्होंने 2 लाख हजार करोड़ रुपये से अधिक की कृषि आय दिखा कर अपने काले धन को सफ़ेद किया है ? सरकार लीपा पोती में लगी है ? जैसा आमतौर पर होता है जांच की जा रही है क्या ये लोग राष्ट्र प्रेमी व्यक्ति हैं । दूसरी ओर वास्तविक कृषि के व्यवसाय में लगे लोग फसल खराब होने पर आत्महत्या कर रहे है ?

एस. पी. सिंह, मेरठ।

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