मोदी तुम बहुत याद आये

modiमोदी तुम कितने बहादुर थे जब तुमने कहा था की एक पिद्दी सा देश हमें आँखें दिखाता है और हम ओबामा ओबामा कहते हैं,लव लेटर लिखते हैं कितना दम देखा था भोली जनता ने तुम्हारी बातों में, और आज तुम्हारे होते हुए उस पिद्दी से देश के प्रधानमंत्री ने कह दिया की पाकिस्तान उस दिन का इंतज़ार कर रहा है जब कश्मीर उसका हिस्सा होगा, हम कश्मीर की जनता के साथ हैं,भारत कश्मीर की जनता को मार रहा है(पीटीआई), कहाँ खोये हो मोदी जी, किस बात का इंतज़ार है, और कुछ नहीं तो जिस चीज़ में माहिर हो( जुबान) वह ही खोल देते, ये भी न होता है तो प्रेम पत्र नहीं एक सख्त सा पत्र ही लिख देते, ये भी नहीं कर सकते तो कैमरे को एक अच्छे से एंगल में घुमा कर गुस्से में एक फोटो खिंचवा कर , मीडिया में ये ट्रेंड करा देते की मोदी का गुस्सा पाकिस्तान पर टूटा।
मोदी जी आप इतने देशों की यात्रा क्यों करते हैं ओबामा जी से 2 साल के अपने कार्यकाल में तीन बार मिल लेते हैं, चीन के राष्ट्रपति से दो बार, और दोनों ही देश भारत के साथ दुश्मन व्यवहार करते हैं चीन लखवी से लेकर एन एस जी के मुद्दे पर अपना रंग दिखाता है और फिर कल ही एन पी टी के मुद्दे पर डाँट देता है, अमेरिका एच 1 वीज़ा के नियम सख्त करने का बिल इंट्रोड्यूस करता है और पाकिस्तान की आर्थिक सहायता तीन गुना बढ़ा देता है और आप अमेरिका के आगे झुक करना अपना एयर बेस अमेरिका को इस्तेमाल करने का समझौता कर लेते हैं, अमेरिका के लिए 100 प्रतिशत रक्षा क्षेत्र भी खोल देते हैं, मोदी जी अब तो डर लगता है कि आप भारत के प्रधानमंत्री हैं भी या नहीं, ये तो कोई और ही है वरना इतना बदलाव कोई जीव जाति तो खुद में कर नहीं सकती।
मोदी जी अब हम किससे मन की बात कहें आप पहले जी एस टी का विरोध् करते थे,एफ डी आई का विरोध् करते थे और कहते थे ये देश को विदेशियों के हाथों में बेचना है सच तब हमें आप बहुत अच्छे लगे थे पर जब आपने इस वर्षाकालीन सत्र के दौरान ये कहा कि जी एस टी जैसे बिलों को राष्ट्र के हित में पास होने दें, तो हमारे पैरों के नीचे से जमीन ही खिसक गई, हमें अहसास हुआ की हमने एक ऐसे दल को वोट दिया जिसने जी एस टी जैसे राष्ट्रीय हित के बिल को 7 वर्ष तक पास ही नहीं होने दिया।
मोदी जी महंगाई बढ़ने का कारण भ्रष्टाचार है ये आपने ही कहा था तब चने की दाल 40 र् किलो,अरहर की दाल 60 र् किलो और चीनी 27 र् किलो थी आज चने की दाल 110 र्,अरहर की दाल 195 र् किलो, और चीनी 42 र् किलो है और आप यह भी कहते हो की मेरी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं है, मोदी जी ये कैसी विधा है हम दुविधा में हैं अगर आपको इतना झूंठा और डरपोक माने तो खुद पर ही शर्म आती है।

–प्रतीक श्रीवास्तव

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