नोट बंदी से त्रस्त काले धन वाले ने एक ओर तो अपने कामगारों और मजदूरों को मजदूरी पर नोट बदलने पर लगा दिया है दूसरी ओर सरकार के भ्रष्ट सरकारी तंत्र का फायदा उठा रहे है नोट बदल रहे है ? क्योंकि पेट्रोल पम्प, बिजली पानी रजिस्ट्री कार्यालयों में खूब धन जमा हो रहा है ! अधिकतर लोग यही अपना धन जमा करा रहे है ये काला है या सफ़ेद कोई नहीं बता सकता लेकिन हमारे एक मित्र जो आयकर के जान कर है बताते है कि क्योंकि वर्तमान में देश में कोई भी ऐसा कानून नहीं है जो किसी भी व्यक्ति जिसकी कुल आय 2 लाख 50 हजार रुपये से कम है कोई कर नहीं लगा सकती और न ही जब्त कर सकती है जब तक की कोई ऑर्डिनेंस या कानून न बनाये ? इस लिए अगर कोई व्यक्ति अपने जीरो बैलेंस खाते में 2 लाख 50 हजार ₹ जमा करता है तो उसका कोई नुकसान नहीं होगा जब तक की कोई कानून न बन जाय ? इसलिए अगर किसी गरीब आदमी को कोई धन कुबेर पैसे देता है तो ले लेने चाहिए क्योंकि सरकार के एक मंत्री स्वयं लोगो को सलाह दे रहे है ? अब इससे बड़ा समाजवाद और क्या हो सकता है ? मोदी की स्किम को उसके मंत्री ही पलीता लगा रहे हैं ?
एस पी सिंह , मेरठ ।