शहीद दिवस का झूठा भम्र फैलाया जा रहा है

16754359_798302210321828_494713357_n16788103_798298413655541_1861052858_nआज फेसबुक/व्हाट्सएप्प पर सुबह से ही कुछ लोगों द्वारा आज ही के दिन यानि14 फरवरी को भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की फांसी का दिन बताकर शहीद दिवस का झूठा भम्र फैलाया जा रहा है जबकि तीनों महान क्रांतिकारियों को 07 अक्टूबर 1930 की फांसी की सजा सुनाकर 24 मार्च 1931 की सुबह का समय निर्धारित किया था परंतु कहीं आंदोलन की ज्वाला भड़क ना जाये इस ड़र से अंग्रेजों द्वारा 23 मार्च 1931 की सुबह एक साथ फाँसी दे दी गई थी। बस 14 फरवरी 1931 को क्रान्ग्रेस पार्टी के अध्यक्ष ने अंन्ग्रेज गवर्नर के सामने दया याचीका लगाई थी ऊसे गर्वनर ने यह लेने से मना कर दिया कि कोर्ट के आदेशो के खिलाफ हम नही जा सकते सभी से मेरा निवेदन है कि ऐसे अधूरे ज्ञान से अपने देश और शहीदों के गौरवशाली इतिहास के साथ छेड़छाड़ ना करें और ना ही ऐसे लोगों के बहकावें में आकर शहादत का मजाक बनाये.. कम से कम शहीदों की कुर्बानियां तो व्यर्थ ना जाने दें..
“गर कभी लहूँ बहे कटकर इस नस से, देखोंगे मेरे खून का रंग भी तिरंगा होगा”

विजय काकाणी लेखक एव विचारक

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