जया बच्चन पर अग्रवाल साहब की नाराजगी इस बात को लेकर है कि उनकी जगह अखिलेश यादव ने फिल्मों में नाचने गाने वाली को ज्यादा योग्य समझा । लेकिन सवाल नरेश अग्रवाल की बदजुबानी या बदतमीजी का नहीं है । उनकी तो यह आदत है । सवाल इस बात का है कि खुद को चाल, चरित्र और चेहरे से दूसरी पार्टियों से अलग बताने वाली भारतीय जनता पार्टी में ऐसे गंदे लोगों को क्यों शामिल कर लिया जाता है । उत्तर प्रदेश में जहां भारतीय जनता पार्टी दो तिहाई बहुमत से सत्ता में काबिज है । जहां उसके 70 से ज्यादा लोकसभा सदस्य हैं ।आखिर अग्रवाल किस काम के साबित हो सकते हैं , यह समझ से परे है।
जया बच्चन के पति अमिताभ बच्चन मोदी सरकार की कई योजनाओं के ब्रांड एंबेसडर हैं और उनका प्रचार करते हैं । जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब अमिताभ वहां के भी एंबेसडर थे। उनकी मोदी से करीबी है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के मंच से जया बच्चन पर टिप्पणी करना और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है । अग्रवाल ने कई बार खुद मोदी और भाजपा पर भी मर्यादाहीन वार किए थे । क्या देशभर में कमल खिलाने के लिए भाजपा की चाहत उसे अपने घर में अग्रवाल जैसा कीचड़ भरने को मजबूर कर रही है । कई राज्यों में पिछले कुछ समय से जिस तरह से पार्टी में दलबदलू नेताओं की आवक हुई है ,उसे देखकर भाजपा और कांग्रेस में कोई अंतर ही नजर नहीं आता है । जाहिर है सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा हर तरह की बुराइयों को गले लगाने के लिए तैयार है।
ये अच्छी बात है कि भाजपा की महिला नेत्रियों सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी और रूपा गांगुली ने भी अग्रवाल के बयान पर नाराजगी और गुस्सा जतायाा है। अन्य पार्टी की महिला सांसद नेता भी उनसे नाराज हैं। लेकिन इस तरह के बेशरम और मर्यादा नहीं जानने वाले नेताओं का तो यही इलाज है कि इन्हें ना तो कोई पार्टी जगह दे और ना ही जनता। इनका इलाज यही है कि जब यह कहीं जाए इनका उनके मुंह पर कालिख पोत कर उन्हें एहसास कराया जाए कि देश की आधी आबादी को कोई भी चलताऊ नेता अपमानित नहीं कर सकता
क्या इस मुद्दे पर देश की तमाम पार्टियों की महिला नेता और महिला संगठन एकजुट होकर अग्रवाल को सबक सिखाने आगे आएंगे और क्या भाजपा उन्हें तुरंत पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा कर कोई मिसाल कायम करेगी? अगर इतनी बदतमीजी के बाद भी नेताओं को बख्शा गया तो इससे दूसरे नेताओं को भी बदतमीजी करने की छूट मिलेगी। कुर्सी जाते ही नेता कैसे बौखला जाते जाते हैं अग्रवाल उसकी एक और मिसाल हैं । अब ऐसे नेताओं को सबक सिखाने का वक्त आ गया है । देश की आधी आबादी को संकल्प लेना होगा कि वह अब इन्हें बर्दाश्त नहीं करेंगी ।
ओम माथुर/9351415379