इन पर भी चर्चा तो बनती है

क्या कभी टेलीविजन चैनल इन मुद्दों पर भी डिबेट कराएंगे? जब देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर व टैक्सटाइल सेक्टर सहित अन्य सेक्टर में लगातार मंदी का दौर चल रहा है और लाखों लोगों की नौकरियां जा रही है। चैनल केवल हिंदू-मुस्लिम की डिबेट या कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद अब पीओके पर कब्जा करने की ही चर्चा करके लोगों का ध्यान भटकाते रहेंगे?

ओम माथुर
ऐसा शायद पहली बार होगा जब टैक्सटाइल एसोसिएशन ने अखबारों में विज्ञापन देकर सबसे बडे संकट और लाखों लोगों का रोजगार जाने की बात कही हो। अखबारों में रोजाना मंदी और रोजगार जाने की खबरें छप रही है, लेकिन शायद ही कोई चैनल (एक-दो को छोड़कर ) इस मुद्दे को उठा रहा हो । चैनल वाले सरकारी कृपा और विज्ञापनों से करोड़ों रुपए कमा सकते है,लेकिन कभी उन लोगों की भी तो सोचिए जो कुछ हजार की नौकरी भी गवांकर सड़कों पर आ रहे। देशभक्ति और राष्ट्रवाद अपनी जगह है और रोजगार तथा नौकरियां अपनी जगह ?

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