तो क्या 16 लाख अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड़ करेंगी सरकार

प्रेम आनन्दकर, अजमेर।
👉राजथान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट-2021) की परीक्षा निरस्त करने में सरकार इतनी हिचकिचा क्यों रही है। सरकार यह कह रही है कि परीक्षा निरस्त करने में दो मिनट लेगी, लेकिन लाखों अभ्यर्थियों का सवाल है। सरकार जी, यही बात सब कह रहे हैं। परीक्षा निरस्त करने से उन लाखों अभ्यर्थियों के साथ न्याय होगा और उनमें उम्मीद की नई किरण जागेगी, जो पेपर लीक होने के कारण चयनित नहीं हो पाने के कारण मायूस हो गए हैं।

प्रेम आनंदकर
यह समय का तकाजा है कि सरकार को अब कोई सोच-विचार किए बिना तुरंत प्रभाव से परीक्षा निरस्त कर फिर से परीक्षा कराने का आदेश दे देना चाहिए। सरकार को इससे ज्यादा और क्या सबूत चाहिए कि इस मामले में परीक्षा कराने वाली एजेंसी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष धर्मपाल जारौली को बर्खास्त किया जा चुका है। बोर्ड के सचिव अरविंद कुमार सेंगवा और काॅलेज शिक्षा निदेशालय के दो सहायक निदेशकों को निलंबित किया जा चुका है। जयपुर के को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर भी एसओजी के शिकंजे में जकड़े जा चुके हैं और एसओजी अपनी जांच में ’दूध का दूध-पानी का पानी’ कर चुकी है, तो अब संशय किस बात पर है। वैसे भी सरकार के सामने परीक्षा निरस्त करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। सरकार को परीक्षा निरस्त कराने के साथ जल्द से जल्द दोबारा कराने का निर्णय आज नहीं, तो आने वाले दिनों में करना ही होगा। सरकार यह कदम उठाकर ही विरोधी दलों और आमजन के बयानी हमलों से बच सकती है। यदि सरकार ऐसा नहीं करती है, तो फिर 16 लाख अभ्यर्थी और उनके परिजन सरकार से सवाल पूछेंगे कि पेपर लीक होने की पुष्टि होने के बाद भी परीक्षा निरस्त कर दोबारा क्यों नहीं कराई गई। सरकार ने उनके हितों के साथ अन्याय कैसे किया। इसलिए सरकार को लाखों अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय करना चाहिए।

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